अगर आम चुनाव शादी हैं तो 5 राज्यों में चुनावों को कम से कम तिलक का दर्जा मिलना चाहिए. खासकर अगर पांच राज्यों में यूपी भी शामिल हो तो. हमारे यहां हर चुनाव को उसके बाद आने वाले चुनावों का सेमीफाइनल बताने का चलन है. इस वाले को 2019 के आम चुनावों का सेमीफाइनल बताया जा रहा है. कल शाम आपने एग्ज़िट पोल वालों का गुणा-भाग देखा. अलग-अलग एजेंसियों का अलग-अलग दिमाग, अलग-अलग नतीजे. लेकिन मोटा-मोटी हिसाब ये रहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा आगे रह सकती है और पंजाब में अकाली गठबंधन का सफाया हो सकता है. सारी डिटेल हमने कल शाम आपको दे ही दी थी.
ये एग्ज़िट पोल थे. इनके अलावा एक प्रेडिक्शन और आया है. दावा नहीं किया जा सकता लेकिन दिल में सब जानते हैं कि इनका सैम्पल स्पेस एग्ज़िट पोल से बड़ा ही होता है. इनके ट्रेंड पान ठेलों से आते हैं. हम बात कर रहे हैं सट्टा मार्केट की. चुनावों को लेकर यहां से भी भविष्यवाणी आई है. उत्तर प्रदेश और पंजाब के बारे में इनका अनुमान ये रहा.
उत्तर प्रदेश
सबसे ज़्यादा रुचि लोगों को इसी राज्य में है. और सट्टा मार्केट ने सबसे ज़्यादा डिटेल में दांव इसी राज्य को लेकर खेल ा है. इनकी ‘एक्सपर्ट’ राय भी यही है कि सात चरणों तक चले चुनावों में भाजपा ने शुरुआती चरणों के बाद सपा-कांग्रेस को कवर कर लिया था. अखिलेश का जादू बाद के चरणों में फीका पड़ गया था जब भाजपा ने अपना प्रचार तेज़ किया. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के नगरपालिका चुनावों में भाजपा ने नोटबंदी के बावजूद जिस तरह प्रदर्शन किया है, उसने भाजपा की कुछ परेशानी तो कम की ही थी. फिर प्रधानमंत्री ने प्रचार अपने हाथों में ले लिया जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है. बकौल टाइम्स ऑफ इंडिया चुरु के सट्टा बाज़ार ने उत्तर प्रदेश का ये हाल बताया हैः
भाजपा – 190-193
सपा कांग्रेस – 125-128
बसपा – 62-64
पंजाब
पंजाब में कुल 117 सीटें हैं. यहां सरकार बनाने के लिए 59 सीटें चाहिए. सट्टेबाज़ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को लगभग बराबरी पर बता रहे हैं. लेकिन सरकार बनाने के सबसे करीब यहां कांग्रेस है. अकाली के बादल छंट जाने के ही आसार ज़्यादा हैं.
कांग्रेस – 55
आम आदमी पार्टी – 50
अकाली – भाजपा अलायंस – 12
सट्टा मार्केट के नतीजे कैसे कंपाइल किए जाते हैं, हम नहीं जानते. लेकिन कभी-कभी उनके अनुमान काफी सटीक निकल जाते हैं. 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनावों में सट्टेबाज़ों ने भाजपा की 45 सीटें आने का दावा किया था. नतीजे आए तो सीटें थीं 47. पर कोई गैरंटी नहीं है. क्योंकि इस शब्द का इस दुनिया में कोई काम नहीं होता. सट्टेबाज़ कह रहे हैं कि नोटबंदी है तो मार्केट में मंदी है. लोग पैसा नहीं लगा रहे. लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन चुनावों में 500 करोड़ से ज़्यादा का सट्टा लग चुका है. पक्का कोई नहीं बता सकता, लेकिन मान कर चलिए कि असल रकम इस से ज़्यादा ही होगी. जो भी हो, कल सब कुछ साफ हो ही जाना है.