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गाय -माता स्वरूप या वैदिक रूप

5 अप्रैल 2017

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गोहत्या, मांसाहार और तर्क डॉ. वेदप्रताप वैदिक(साभार) गोहत्या के लिए अपने कई प्रांतों में कड़ी सजा का प्रावधान है लेकिन गुजरात विधानसभा ने उम्र-कैद का कानून बनाकर अन्य राज्यों के लिए भी रास्ता खोल दिया है। गुजरात के साथ-साथ उत्तरप्रदेश में बूचड़खानों को लेकर जो बवाल मचा है, उसे देखकर यह माना जा रहा है कि भाजपा के मुख्यमंत्री लोग अपनेवाली पर उतर आए हैं। वे हिंदुस्तान पर अपना हिंदुत्व का एजेंडा थोपने लगे हैं। यदि आप इन खबरों के शीर्षक पढ़ें और टीवी चैनलों को चलते-चलते सुनें तो आपका भी यह विचार बन जाएगा कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के मुसलमानों को तबाह करने पर उतारु हो गए हैं। लेकिन मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं है। उप्र में बूचड़खानों पर सिर्फ यह सख्ती की गई थी कि जिन पर लायसेंस नहीं हैं, उन्हें चेतावनी दी गई थी। बिना लायसेंस के चलनेवाले बूचड़खाने और दुकानें अक्सर भयंकर गंदगी, बदबू और कीटाणुओं के अड्डे बन जाते हैं, चाहे उनके मालिक हिंदू हों या मुसलमान! हिंदुस्तान में जितने मुसलमान मांसाहारी हैं, उससे दुगुने-तिगुने हिंदू, सिख और ईसाई मांसाहारी हैं। देश की सभी प्रांतीय सरकारें यदि इसी सख्ती से पेश आएं तो सबसे स्वच्छ आहार मिल सकेगा। गुजरात में गोरक्षा का कड़ा कानून सराहनीय है, क्योंकि गाय को देश के हिंदुओं में माता के समान मानते हैं। शास्त्र भी कहते हैं- गावो विश्वस्य मातरः। आखिर, मुगल बादशाहों ने भी गोवध पर प्रतिबंध क्यों लगा रखा था? सिर्फ गुजरात ही नहीं, हिंदुओं ही नहीं, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि सारे संसार के लिए गाय ऐसा पशु है, जो मरने तक और मरने के बाद भी मानव-जाति का फायदा ही करता है। कोलकाता में गोबर गैस से बसें चल रही हैं। एक रुपए की मेथिन गैस से बसें 17 किमी तक चलती हैं। हरयाणा के ग्रामीण घरों में गोबर गैस के चूल्हे दनदना रहे हैं। जो गाएं दूध नहीं देतीं, उनके गोबर, मूत्र और गैस से ही लाखों रुपए की आमदनी होती है। जबकि गाय के मांस, खून, चमड़े, सींग वगैरह से सिर्फ पांच-सात हजार रुपए ही कमाए जा सकते हैं। मैं तो कहता हूं कि किसी भी दुधारु पशु गाय, भैंस, बकरी, भेड़ आदि की हत्या नहीं की जानी चाहिए। यदि उनका सदुपयोग किया जाए तो भारत में आर्थिक क्रांति की जा सकती है। मैं तो चाहता हूं कि सारा विश्व ही निरामिष हो जाए, शाकाहारी बन जाए लेकिन यह बिल्कुल अनुचित होगा कि आप मांसाहार पर कानूनी प्रतिबंध लगा दें या मांसाहारियों का अपमान करें। यह भी ठीक नहीं कि आप पशु की रक्षा के लिए मनुष्य को मारने के लिए तैयार हो जाएं। यदि हम सारी दुनिया को शाकाहारी बना हुआ देखता चाहते हैं तो इस मुद्दे को हमें कानून की तलवार से नहीं, तर्क की तुला पर तोलकर प्रेम से परोसना होगा।

गोविन्द सिंह की अन्य किताबें

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समर्पण

13 मार्च 2017
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छूँ लिया आसमान ,अबकिनारों का नजारा बाकि है"समर्पण"मोहब्बत में हो,यारहा हो घर संसार से,खुद को कहीं-कहीं खोज पाऐकहीं बिसरा दिया वजूद अपना ।नम हो जाते है चक्षुझर जाता है मन गीला -गीलाअहसास फिर भी कहीं सुखा -सुखा,मुरझाया सा,पुनः पल्लवीतहोने की उत्कंठा बढाता है।रिसते जीवन के पल हो,याहर छलांग से पा लेने

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कारवाँ जिन्दगी का

13 मार्च 2017
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तमन्ना है साथ चलने की,रंजोगम से दूर किसी एक मुकाम पर।यकीं है मिटेगी दूरी वक्त की,मिलों के फासले किसी मुकाम पर।।कारवाँ जिन्दगी का चलता रहे, खोऐ रिश्तों के एक मुकाम पर।मुसाफिर है हर लम्हां,खामोश उदास नगमों के एक मुकाम पर।।टालती रही है जिन्दगी हर सवाल,गमजदा तकलीफो के एक मुकाम पर।हसीन ख्वाबों खयालों की

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एक टुकड़ा चाँद

13 मार्च 2017
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एक टुकड़ा चाँद की ख्वाहिश दिल में है आज।वक्त का सितम है,चाँद तो पूरा हाथों में था।।कतरा-कतरा प्यासी आरजुओं में जी रहे है आज।तबस्सुम होटों का तेरा,मेरे लबों के करीब था।।फरियाद कर सुकूँ-ए-दिल तलाश करते है आज।कभी गुलशन का यह मुसाफिर ,हमराहों में था।।तकदीर के लिखे बेबस किस्सों का बयाँ हूँ आज।कभी जुल्फों

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ब्यावर शहर

13 मार्च 2017
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⁉क्या ब्यावर सचमूच लावारिस है❓ फरवरी 1836 ई. में नये शहर की स्थापना हेतू वर्तमान अजमेरी गेट पर स्थापना शिला रखी।नया शहर को आज ब्यावर के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है।लगभग 181 वर्ष देख चुका ब्यावर संयुक्त अजमेर मेरवाड़ा स्टेट कमिश्नरी राज भी देखा और स्वतंत्र भारत की राजनीति के षड़यंत्रों का भी साक्षी र

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ब्यावर शहर

13 मार्च 2017
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क्या ब्यावर सचमुच लावारिस है❓ फरवरी 1836 ई. में नये शहर की स्थापना हेतू वर्तमान अजमेरी गेट पर स्थापना शिला रखी।नया शहर को आज ब्यावर के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है।लगभग 181 वर्ष देख चुका ब्यावर संयुक्त अजमेर मेरवाड़ा स्टेट कमिश्नरी राज भी देखा और स्वतंत्र भारत की राजनीति के षड़यंत्रों का भी साक्षी र

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रावत राजपूत

13 मार्च 2017
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संक्षिप्त मेरवाड़ा=======================1.चौहान क्षत्रिय वंश नाडोल शाखा का मुगल आक्रमण के बाद चांग से मगरा क्षेत्र में आगमन।2.पन्द्रह पीढी तक भाईचारा रहा।3.इस कालखण्ड में अन्य आगन्तुक क्षत्रिय भाटी,गहलोत,पँवार,राठौड़ वंश की कुछ गौत्रों में विवाह संबंध।4.चौहान वंश के चीता और बरड़ नाम से दो भाग होकर आपस

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मेरा गाँव

15 मार्च 2017
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मेरा गाँव है यह!देखता रहा हूँ मैं ,कि यहा्ंघटाएं आती है-उमड़ती,घुमड़ती,बरसती हैपर्वत,वन प्रान्तरचिड़ियों की चहचाहट से,मोरों की 'टिहूक' औरकोयलों की 'कूहू' सेगुँजरित रहते है।फूल हँसते ,भौंरे गाते भ्रूँ भ्रूँ !और देखता हूँ जहाँ मैंपीपल,नीम की छाह तलेभारत की नंगधड़ंग ,भावीहोनहार पीढ़ी कोखेलते,गुनगुनाते!यों ब

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शराब-एक मादक पेय

16 मार्च 2017
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शराब-एक मादक पेय-----------------------------शराब एक ऐसा पेय है जो विभिन्न रूप रंगों में सदियों से प्रचलन में है।राजशाही युग में यह राजाओं-सामन्तों का प्रिय पेय था।कामुकता बढ़ाने ,महफिल में खुशीयाँ मनाने के लिऐ पीया जाता रहा।नज्मों,गजलों,गीतों में भी शायरों कवियों ने इसे एक मुकाम दिया।पहले के जमाने म

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हँसते है लोग

17 मार्च 2017
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उदास रातों को सँवारा था सिसकियो से गोविन्द!अब आँखों पे सुखे आँसु देख, हँसते है लोग!!कभी गुलजार थी हँसी शबनम की बुँदो से!कतरा कतरा उडते देख, हँसते है लोग !!उँचा था मुकाम आरजुओ का,अहसासो से!सहज ही टूटे सपनों पर, आज हँसते है लोग!!क्यों अतीत दिखता है आईने की दिवारो से!टूटे जज्बातो की तस्वीरों पे,आज हँसत

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चौहान वंश की जानकरी

18 मार्च 2017
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चौहान वंश -अहिच्छत्रपुर (यू पी)----------------------------24 चौहान-------------1.सांभरिया 2.नाडोल 3.सोनिगरा 4.हाड़ा 5.देवड़ा 6.खींची 7.निर्वाण 8.भदोरिया 9.पूर्बिया 10.मोरेचा (चेता-बरड़)11.भंवरेचा 12.संकलेचा 13.राजकुमार 14.बालेचा 15.चाचेरा 16.चन्दूक 17.रोसिया18.तसेसरिया 19.बंकट 20.धंधेला 21.मालाणी 22.प

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राजपूतो की शाखाएँ।

18 मार्च 2017
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: राजपूतों की वंशावली : "दस रवि से दस चन्द्र से, बारह ऋषिज प्रमाण,चार हुतासन सों भये , कुल छत्तिस वंश प्रमाणभौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमानचौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण."अर्थ:-दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय, दस चन्द्र वंशीय, बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है

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कर्नल टाड-ऐतिहासिक टाडगढ

19 मार्च 2017
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कर्नल टाड-ऐतिहासिक टाडगढ़---------------------------------------------- अरावली का ताज,वीरता-स्वभिमान व स्वतंत्रता का परिचायक,तंग सर्पिलाकार सड़के,प्राकृतिक सोंदर्य व वन्य जीवन से आच्छादित रावली अभ्यारण्य।सामाजिक एकता ऐसी कि मंदिर -मस्जिद-चर्च की अलौकिक ध्वनियाँ में सभी को एकता का संदेश देती है।सम

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एडाल्फ हिटलर

20 मार्च 2017
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✍🏻एडाल्फ हिटलर✍🏻-----------------------------'इनसे नफरत करने वाले प्रेमियों की कमी नहीं।' यह कहना बीसवीं सदी के सर्वोच्च तानाशाह एडाल्फ हिटलर के लिऐ उपयुक्त होगा।प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जर्मनी को मिले अपमान का बदला लेने के फितूर ने हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध का प्रणेता बना दिया। सवाल उठते रहे कि

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जिन्ना

20 मार्च 2017
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समय गुजरते-गुजरते हिन्दु, हिन्दु नही रहेंगे और मुसलमान ,मुसलमान नही रहेंगे।नर्म और मजहब के रूप में नही वरन् सामाजिक और राजनीतिक अर्थों में....। मो. अली जिन्ना

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सोवियत संघ-मिखाईल गोर्बाचेव

20 मार्च 2017
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✍🏻सोवियत संघ-मिखाईल गोर्बाचेव✍🏻---------–---------------------------------- सोवियत संघ के अंतिम राष्ट्पति मिखाईल गोर्बाचेव उन इतिहास पुरूषों में गिने जाने योग्य है जो चन्द वर्षों में ही अपनी अमीट छाप छोड़ देते हैं।दक्षिणी रूस के एक गाँव प्रियोल्नोए में 2 मार्च 1931 ई. को जन्में गोर्बाचेव 198

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चेतन!ठाठ लगा घर तेरे

21 मार्च 2017
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चेतन !ठाठ लगा घर तेरे,देख पाये जो दृग को फेरे।गढ़ा निधान भूमि के अन्दर उपर कंकड़ धूलि।लिखे भाग्य में कंकड़,ऐसे कहती दुननिया भोली।चेतन!ठाठ लगा घर तेरेहै दुर्भाग्य यही,चीजों की जो पहिचान नहीं है।दुःखाकुल है आत्मा,अपनेपन का भान नही।चेतन!ठाठ लगा घर तेरेमाल छिपा सबकी गठरी में,गाँठ खोल जो जाने।यही भयंकर भूल,

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जिन्दगी के सवाल

21 मार्च 2017
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जिन्दगी सदा नए सवाल उठाती है,औरतुम्हारे जवाब हमेशा पुराने होते है।इसलिऐ जिन्दगी और तुम्हारातालमेल नहीं हो पाता ,संगीत नहीं बन पाताजिन्दगी कुछ पूछती हैतुम कुछ जवाब देते हो।जिन्दगी कभी दुबारा वहीं नहीं पूछती,औरतुम्हारा जवाब वही होता हैजो तुम्हारे बाप दादाओं ने दिये थे।मजा यह है कि जितना पुराना जवाब हो

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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस -प्रेम कथा

21 मार्च 2017
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सुभाषचन्द्र बोस-ऐमिली-प्रेम कथा--------------------------------------------- ऐमिली फ्राऊलिन शैंकल एक ऐसा नाम जो भारतीयों में कम ही जाना गया है, लेकिन जिनकी वह अर्धांगिनी थी वह शख्स भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक विशिष्ठ स्तंभ और करोड़ो भारतीयो़ं के लिए एक ऐसा तेजपुंज था जिसका नाम आज भी जोश और

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प्राचीनकाल की पुस्तकें और लेखक

24 मार्च 2017
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प्राचीनकाल की महत्वपूर्ण पुस्तकें1-अस्टाध्यायी               पांणिनी2-रामायण                    वाल्मीकि3-महाभारत                  वेदव्यास4-अर्थशास्त्र                  चाणक्य5-महाभाष्य                  पतंजलि6-सत्सहसारिका सूत्र      नागार्जुन7-बुद्धचरित                  अश्वघोष8-सौंदरानन्द        

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चाचा के भतीजे का कमाल

25 मार्च 2017
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✍🏻चाचा के भतीजे का कमाल✍🏻हम सत्तर सालों से इन्हें झेल रहे हैये आपस में गेंद फेंक खेल रहे हैऐसे में अनायास गोल हो जाता हैइनके साथ पार्टी का ढोल हो जाता हैये 'इस' नही तो 'उस' के उम्मीदवार हो जाते हैएकाएक आदमी सेइश्तहार हो जाते हैउस्ताद पतंगबाज के हाथों में पड़ जाते हैमंजा उसी का होता हैमहज ये तो लड़ ज

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गजलः क्या करता

25 मार्च 2017
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उसने मुझको तकलीफों में दोस्त कहा था क्या करता।मेरी आंखों में कतराभर अश्क बचा था क्या करता।।वो तो अपनी फितरत से ही ठीक पराया था लेकिन,उसको छू कर आने वाला दर्द सगा था क्या करता।फूलों वाले सारे रस्ते उसके घर तक जाते थे,पर उसने तोमुझ सा सूना पेड़ चुना था क्या करता।यूँ तो उसके दुःख देने के सब तेवर थे याद

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मींरा बाई

26 मार्च 2017
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🙏 🌷भक्तनी मीराबाई जी 🌷🙏मीराबाई के जीवन से सम्बंधित कोई भी विश्वसनीय ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं हैं। विद्वानों ने साहित्य और दूसरे स्रोतों से मीराबाई के जीवन के बारे में प्रकाश डालने की कोशिश की है। इन दस्तावेजों के अनुसार मीरा का जन्म राजस्थान के मेड़ता में स न 1498 में एक राजपरिवार में हुआ था।उनके प

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गाय -माता स्वरूप या वैदिक रूप

5 अप्रैल 2017
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गोहत्या, मांसाहार और तर्कडॉ. वेदप्रताप वैदिक(साभार)गोहत्या के लिए अपने कई प्रांतों में कड़ी सजा का प्रावधान है लेकिन गुजरात विधानसभा ने उम्र-कैद का कानून बनाकर अन्य राज्यों के लिए भी रास्ता खोल दिया है। गुजरात के साथ-साथ उत्तरप्रदेश में बूचड़खानों को लेकर जो बवाल मचा है, उसे देखकर यह माना जा रहा है कि

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शाकाहारी बनो (सोशल मीडिया से)

6 अप्रैल 2017
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*कंद-मूल खाने वालों से*मांसाहारी डरते थे।।*पोरस जैसे शूर-वीर को*नमन 'सिकंदर' करते थे॥*चौदह वर्षों तक खूंखारी* वन में जिसका धाम था।।*मन-मन्दिर में बसने वाला* शाकाहारी *राम* था।।*चाहते तो खा सकते थे वो* मांस पशु के ढेरो में।।लेकिन उनको प्यार मिला' *शबरी' के जूठे बेरो में*॥*चक्र सुदर्शन धारी थे**गोवर्ध

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शराब-मायाजाल/आन्दोलन

10 अप्रैल 2017
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✍🏻मेरे मुताबिक✍🏻----------------------------शराब-मायाजाल/आन्दोलन 🍾🍷🍻🍾🍷🍻🍾🍷🍻--------------------------------------------- हमारे राज्य में 2010 से 2016 के बीच शराब का अवैध -वैध खपत का कारोबार 180% बढ़ा है ।इससे शराब की समस्या की गंभीरता को समझा जा सकता है।सरकार को करीब 1135 करोड़ ₹ का राजस्व

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मुगल,ब्रिटिश तथा स्वतंत्र भारत के शासक

14 अप्रैल 2017
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गुलाम वंश*1=1193 मुहम्मद गौरी2=1206 कुतुबुद्दीन ऐबक 3=1210 आराम शाह4=1211 इल्तुतमिश5=1236 रुकनुद्दीन फिरोज शाह6=1236 रज़िया सुल्तान7=1240 मुईज़ुद्दीन बहराम शाह8=1242 अल्लाउदीन मसूद शाह9=1246 नासिरुद्दीन महमूद 10=1266 गियासुदीन बल्बन11=1286 कै खुशरो12=1287 मुइज़ुदिन कैकुबाद13=1290 शमुद्दीन कैमुर्स1290

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स्वतंत्रता का चमन-मगरा मेरवाड़ा

25 अप्रैल 2017
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क्षत्रिय रावत समाज सदियो से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है जो कि आज तक चल रही है।। ना पहल घुटनेे टेके और न ही आज।क्षत्रिय रावत समाज बाहुल्य मगरा मेरवाड़ा ऐसा क्षेत्र रहा जो कभी किसी का गुलाम नही रहा। कोई राजपूत महाराजा, कोई मुग़ल और यहां तक की अंग्रेज भी हमे गुलाम नही बना सकें।। जब अंग्रेजो ने भी मगर

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महाराजा हरि सिंहःभारत की कश्मीर समस्या के "खलनायक"

30 अप्रैल 2017
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महाराजा हरि सिंह: भारत की कश्मीर समस्या के 'खलनायक'?Firstpost Hindi 26 Apr. 2017 10:20महाराजा हरि सिंह को आज की कश्मीर की समस्या का जनक कहा जाए, तो गलत नहीं होगा.इतिहास में कुछ किरदारों की भूमिका कुछ ही देर की होती है. वो आते हैं कहानी में अपना हिस्सा पूरा करते हैं और गायब हो जाते हैं.कश्मीर के आखिर

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मगरा राजस्थान

22 मई 2017
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वाह रे म्हारा मगरा,दैख्या थारा नखरा।घर घर सूँ एम एल ए बण रियाअ मिनख है या नूगरा।।राता में पीवे रातो दारू,सपणा में बणे नेता।टाबर छोरा बिगड़ रीया,जीद है कै समाज ने जीता।।कैकड़ा री काणी ,रावत दैख्या याद घणी आवै।थूकै थूकावे आपस में,ई झगड़ै रो अर्थ हमझ नी आवै।।गोविन्द सिंह चौहान

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माता-पिताऔर गौत्र,एक वेदिक विश्लेषण

14 जून 2017
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.......पिता का गोत्र पुत्री को प्राप्त नही होता |अब एक बात ध्यान दें की स्त्री में गुणसूत्र xx होते है और पुरुष में xy होते है । इनकी सन्तति में माना की पुत्र हुआ (xy गुणसूत्र). इस पुत्र में y गुणसूत्र पिता से ही आया यह तो निश्चित ही है क्यू की माता में तो y गुणसूत्र होता ही नही !और यदि पुत्री हुई त

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होटल

20 जून 2017
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होटल (कहानी)------------------बात कालेज के दिनों की है।पढ़ना,घुमना,खाना पीना और मौज करना। दोस्त के घर पढ़ने की कह कर दोस्तों के साथ पार्टी सार्टी करना।एक दिन किसी बात पर पापा ने दो थप्पड़ मेरे गाल पर मार दिये।मैनें सोचा,-' यह तो कोई बात नही हुई।अब में घर में नही रहूँगा।खुद कमाऊँगा और पढ़ुंगा ,खर्च करूंग

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बड़े लोग

8 जुलाई 2017
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✍🏻बड़े लोग✍🏻---------------------जिस्म और सूरत से बड़े उमराव लगते है कुछ लोग।दिल निकाल कर तौला तो फकीर से लगते है कुछ लोग।।उम्र गुजार देते है शंहनशां बनने की चाहत में कुछ लोग।आईना दिखा तो मुखौटों में ढ़के दिखते है कुछ लोग।।अरमां ऊँचे रख पाँव जमीं से हटा लेते है कुछ लोग।कटी पतंग से लहरा कर धरा पर गि

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सांसे

8 जुलाई 2017
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सांसे------कितनी बची है अब सांसे कोई नही जानता है।उम्र बढ़ गई है पर मन है कि नहीं मानता है।।मरहम पट्टी सुई गोली कब तक डाक्टर जानता है।तकलीफो का हर राज तो बिस्तर ही जानता है।।तकदीर के किस्सों के बयां को कौन जानता है।मरती हसरतों के दर्द को एक बिमार जानता है।।फिर मिलता हूँ आकर तुझसे ऐ बेवफा जिन्दगी।जिद

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मजनू बन जाता

8 जुलाई 2017
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✍🏻मजनू बन जाता था✍🏻-----------------------------हम तो ठहरे गाँव गाँव के प्यार शहरी से हो जाता था।लैला उसमें दिखती थी मजनू मैं बन जाता था।।1।।नोटबुक के हर पन्नें पर नाम उसका लिख जाता था।पढ़ने की हर कोशिश चेहरा उसका दिख जाता था।।2।।क्लासरूम और केन्टीन गार्डन में भी जाता था।एक झलक ही मिल जाऐ,करने दुआ

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शहीदों की याद

11 जुलाई 2017
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🇮🇳🙏शहीदों की याद🙏🏻🇮🇳-------------------------------------सुन कहानी शहीदों कीहर आँख भर आती हैं।आजादी की हर खुशीलाशों पर चलकर आती है।रोती,तकती,थकती,जगती,सिसकी और आहें भरती,ममता की ख्वाहिशें मरती,सोच सोच कर छाती भरती,किस हाल में लड़ा होगा मेरा लाल।पुजा पाठ,मन्नतों दुआओं का हुआ नही कमाल।ना"पाक"देश

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शहीद

11 जुलाई 2017
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✍🏻🇮🇳शहीद🇮🇳✍🏻----------------------------शहीदों की अर्थी पर अरे देखों पुष्प वर्षा होती है।जख्म की तासीर ऐसी अरे देखों आँसुओं की चर्चा होती है।।ना"पाक"घात लगाये बैठा हम आघात सहते रहते है।माँ बहन बेटी पत्नी के आँसू इस माटी पर बहते रहते है।।खून से सिंदूर धुला पर वतन के वीर कब रोयें है। बलिदान जवा

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कुछ ना कह सका

3 अगस्त 2017
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✍🏻कुछ ना कह सका✍🏻--------------------------------भौतिकवाद की घुटन।मंहगाई की लुटन।राजनैतिक ऊहापोह।मिथकों के अदृश्य धागे।ऊलझे रिश्तों की छटपटाहट।सन्तानों के विद्रोही स्वर।धुँआ-धुँआ वैचारिक गगन।प्रेम ,प्यार ,इन्तजार कीअनुभूति।जिन्दगी का जहर,विधवा का अवसाद।तहखानों में डूबा सूरज,चूल्हें की राख सी चान्द

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कुछ ना कह सका

3 अगस्त 2017
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✍🏻कुछ ना कह सका✍🏻--------------------------------भौतिकवाद की घुटन।मंहगाई की लुटन।राजनैतिक ऊहापोह।मिथकों के अदृश्य धागे।ऊलझे रिश्तों की छटपटाहट।सन्तानों के विद्रोही स्वर।धुँआ-धुँआ वैचारिक गगन।प्रेम ,प्यार ,इन्तजार कीअनुभूति।जिन्दगी का जहर,विधवा का अवसाद।तहखानों में डूबा सूरज,चूल्हें की राख सी चान्द

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लौट चले अब

3 अगस्त 2017
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✍🏻--लौट चलो अब--✍🏻भटक रहा है मानवस्वचालित यंत्र साशहरों -महानगरों की गलियों मेंसड़कों पररेले सा गुंथा हुआतंग घरों गलियों मेंप्रदुषण और रोगों कीफिसलन भरी राहों मेंचोट ग्रस्त कराह रहा है।सभ्यता की छलांगे औरअसीमित सुख की आस मेंआकुल है व्याकुल होसोशल मीडिया परमनगड़न्त रिश्ते बनाऐ जा रहा हैं।मंजिलों दर म

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तुम नहीं समझे

16 अगस्त 2017
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✍🏻 तुम नहीं समझे ✍🏻"""""""""""""""""""""""""""""""""दम तोड़ गई आरजूएं तेरे दर परसजदे का एक दर्द तुम नहीं समझेदरक गये आईने वफाए सितम से तेरेटुकड़ों में रहा अक्स तुम नहीं समझेमेरे होटों में रूकी फरियाद ना निकलीक्यूँ लरजते आँसूओं को तुम नहीं समझेशिकवे शिकायत छोड़ दी अब हमनेंक्यूँ मुस्कराने की ठानी तुम

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श्री कृष्णम्

16 अगस्त 2017
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर सादर हार्दिक शुभकामनाओं के साथ--"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""✍🏻श्री कृष्णम्"""""""""""""""""""💐ज्ञान सागर कृष्ण भावनामृतम्।💐सौन्दर्य,ऐश्वर्य,त्रिगुणों बलम्।।🍃पुरूषोत्तम योग प्रकृति ज्ञानम्।🍃भगवद्ज्ञान विराट योगध्यानम्।।🍁आत्मत्व प्रेम प्राणेश्वरम् परम्।🍁 चित

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हे कृष्ण.!...अकेले आते हो??

16 अगस्त 2017
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✍🏻हे कृष्ण!....अकेले आते हो?✍🏻तेरे चरणों में अर्पित-अर्पण जग सारापर,एक सवाल है हमारातुम सब जगह अकेलेसबको राह दिखाते हो।क्या अवतार लेकर अकेले आते हो??महाभारत मेंहर पात्र में नजर आते होमाखन चोर बने सो ठीकगोपी उपालंभ भी तुम्हीं कराते हो।उलूखन-बंधन,इन्द्रकोप-गोवर्धनयमुना तट पर वंशी वादनगोपी विरह या भक

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