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बन जा तू हनुमान

11 अप्रैल 2017

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जो पाप-पुण्य से सदा परे है,

जो लाभ-हानि से है अविचल।


सुख-दुख जिसके सदा बराबर,

जन्म-मरण में है सम वो तो।


जिसका ना है मान, ना अपमान

कर्मयोग में लगा है जो, वही है हनुमान


आ उठ चल अब दौड़ लगा,

छोड़ के सारे तू अभिमान।


कर्म तू कर ना फल की चिंता,

ना कर इच्छा सम्मान की।


कुछ बन ऐसा जो सदा अमर हो,

कुछ कर ऐसा जो रहे अमिट।


कर तेरा कद इतना ऊँचा,

ना बचे कोई भी जहाँ ।


फिर कम होगी ये धरती,

और छोटा होगा वो​ आसमान।


कर्मयोग को धारण कर,

बन जा तू हनुमान।


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जय श्री राम.


फोटो क्रेडिट : यश मिश्रा

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रेणु

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जय श्री राम बन्धु ! ! !

11 अप्रैल 2017

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सामने ही सवेरा था

25 मार्च 2017
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प्रेम अनंत है, प्रेम अपार है प्रेम ईश्वर है, प्रेम साकार हैप्रेम सत्य है, प्रेम साधना हैप्रेम ईश्वर की आराधना है प्रेम सुगंध है, प्रेम चन्दन हैप्रेम सुख का अभिनन्दन हैप्रेम हृदय है, प्रेम स्पंदन है प्रेम विरह का करुण क्रंदन हैप्रेम चन्दन है, प्रेम पानी है प्रेम जीवन

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बम बम भोलेनाथ

10 जुलाई 2017
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जो पाप-पुण्य से सदा परेजो जन्म-मृत्यु से सदा महान,सुख भी उसका, दु:ख भी उसकासबको देखे एक समानजो पीकर अपमान का बिष, दे सबको जीवन का वरदानखुद रहकर शमशान में जोसोने की लंका दे दे दान जटा में जिसकी गंगा की धाराहै जिससे यह संसार साराहै काल भी

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सारी उम्र कुंवारा रहा

22 अगस्त 2017
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ना मैं उसका रहा और ना मैं तुम्हारा रहा,तेरे इश्क़ में ऐ सखी सारी उम्र कुंवारा रहा कभी मेरे दिन तो कभी मेरी रातें,दे दी सब तुम्हे न कुछ हमारा रहा

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