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पेट का साम्राज्य

26 अप्रैल 2017

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इंसान प्रत्येक चीज बढाने में विश्वास रखता है चाहे धन-दौलत हो,जमीन -जायजाद हो या रूतबा-शोहरत हो। इन सारी मोहमाया को बढ़ाते बढ़ते न जाने उसके #पेट_का_साम्राज्य(मोटापा) कब बढ़ जाता है पता ही नही चलता। जिस मोहमाया को उसने खुद के लिए बढ़ाया है , जब उस मोहमाया को दोहन करने का समय आता है तो पेट के बढ़े साम्राज्य के कारण वो उसका दोहन तक नही कर पता। एक तो जब वो मोहमाया का साम्राज्य बढाने में व्यस्त था तब उसे समय नही मिलता था कि वो उनका दोहन कर सके और जब साम्राज्य बढ़ गया तो अब चाह के भी दोहन नही कर सकता। 'कुछ दिन पहले की ही बात है एक सज्जन के घर जाना हुआ। बड़े आदमी है जीवन भर उन्होंने अंधाधुंध धन कमाया, कई स्कूल-कालेज चलाते है । कुल मिला के उनका मोहमाया का साम्राज्य काफी बढ़ गया है और साथ में उनके पेट का भी।सेवा सत्कार करने में कोई कोर-कसर नही छोड़ते। उनके घर पहुँचते ही आइटम पे आइटम काजू की बर्फी, समोसा, काफी नमकीन और तमाम तरह के पकवान आ गए। हालांकि वो डायबिटीज के कारण कुछ खा नही सकते थे लेकिन हमने शुरू कर दिया था खाते-खाते बातें भी हो रही थी की तभी उनकी बेटी आकर कहती है "कि पापा आपका करैले का जूस तैयार है जल्दी से आ के पी लीजिये क्योकिं मम्मी ने अभी मेथी भिगोई है उसे भी खाना है।" ये समस्या केवल एक की ही नही बल्कि आज के युग लगभग लोगो के साथ है । हम जिस तेजी से भौतिकवादिता की ओर बढ़ रहे है और प्रकृति से दूर होते जा रहे है आने वाले समय में ये समस्या भी उतना ही तेजी से हमारे तरफ बढ़ रही है। कुछ लोग तो मोटापे को खाते-पीते घर की निशानी मानते है। किसी को क्या कहूँ मेरे ही कई मित्र है जिनके पेट का साम्राज्य अभी से निकलना शुरू हो गया है अब उनकी अनभिज्ञता कहूँ या बेवकूफी क्योकिं वो भी खुद का पेट निकलना खाते-पीते घर की निशानी मानते है। मोटापा कई खतरनाक बीमारियों का कारण है। इससे मधुमेह,गैस,कब्ज, दिल की बीमारी, कैंसर, गठिया और कई प्रकार की गम्भीर बीमारिया हो सकती है। इस भयंकर बीमारी से बचने के लिए जरूरी है कि अब हम प्रकृति की ओर लौटें और भौतिकवादिता से दूरी बनाए। जंक-फूड, फ़ास्ट-फ़ूड , कोल्ड-ड्रिंक आदि नुकसान देह चीजो का इस्तेमाल करना छोड़ दे। शाकाहार अपनाएं और प्रकृति से नाता जोड़े। इन सबके अलावा मोटापा,पेट निकलना या अधिक चर्बी वाली समस्या से बचने के लिए प्रतिदिन व्यायाम , प्राणायाम और योग करे। #स्वस्थ्य_रहें #मस्त_रहैं

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