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तेरी याद

5 जून 2017

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एक पल के लिए साँस रूक गई । जब देखा हसँता हुआ चेहरा तेरा ।।

अनजान थे सब न पता था किसी को । कि कितने समय तक का बसेरा था तेरा ।।

बाप की इज्जत माँ की लाडली भाई की शान । यही सब बन गया था गुरूर तेरा ।।

जिद़गी कट रही थी तुम्हारी । अचानक जिद़गी ने ये कैसा मोड़ लिया ।

एक अनजान के प्यार के लिए अपने माँ बाप का प्यार खो दिया ।।

क्या फायदा हुआ जो तुम्हे इतना कुच्छ सहन करना पडा़ ।

अपने आप ही अपने माँ बाप को अपना दुश्मन बना लिया ।।

एक एेसा गलत कदम जो उठा लिया था तुमने । मानो सब की गदृन पर तलवार रख दी गई हो ।।

एक बार भी किसी के बारे मे न सोचा - एक बार पीछे मुड़के तो देखते--

तो पता चलता कि तुमने कितने प्यार देने वालो की कुबृानी दे दी ।।

इतना सब कुछ होने के बाद एक जीने की आस बची थी । जिसका भी कुछ पता नही कब खत्म हो जाए ।।

इतने सालो बाद आज जिद़गी ने तुमको एक बार फिर मौका दिया था जीने का ।

तेरे आने का इतंजार एक दिन भी नही हुआ । जब आए मेरे सामने बस देखते ही रहना चाहते थे ।।

सबने इतना प्यार दिया कि उस प्यार को समेट कर ले गई ।

सबसे मिल गई तम सबसे इतना प्यार ले गए । उस प्यार को अगर जिद़गी भर सभांलना चाहते तो न सभांल पाते ।।

वही चेहरा । वही चाल । वही मुस्कराहट । एक भी आदत एेसी नही जो बदल गई हो --

बिल्कुल वैसी की वैसी जैसे पहले हुआ करती थी ।।

करवाचौथ का दिन । हाथो मे मँहदी । सुहाग का जोड़ा । माँग मे सिँदुर । उस दिन लगा का लगा रह गया --

जब एक तेज़ रफतार गाडी़ ने आकर तुम्हारी जान ले ली ।।

कुछ बचा नही रहा तेरे शरीर पर सिवाए उस चेहरे के अौर हाथो मे लगी मँहदी के ।।

अभी तो खुशियाँ आई ही थी तेरी जिद़गी मे । जो वो भी जिद़गी को बुरी लगी जो तुमको हमसे दूर ले गई ।।

सबके मन मे पछतावे के अलावा प्यार भी छोड़ के चले गए । सब नफरत खत्म करके आखिरी बार मिल के चले गए तुम ।।

उस दिन हम सबको रोता देखकर तुम हँस रहे थे । सबके दिल मे अपने लिए प्यार छोड़ दिया हमेशा के लिए ।

एक वो याद जो कोई चाहे तो न भुला पाए ।।

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मनोज कुमार खँसली-" अन्वेष"

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अति सुन्दर साक्षी जी

26 जून 2017

  सुरेश

सुरेश

बहुत अच्छा साक्षी . बेस्ट ऑफ़ लक फॉर फ्यूचर. तुम्हारी अगली रचना का इंतज़ार रहेगा

14 जून 2017

पंकज त्रिवेदी

पंकज त्रिवेदी

हृदयस्पर्शी - बहुत भावुकता से लिखा

7 जून 2017

आलोक सिन्हा

आलोक सिन्हा

साक्षी जी ! इस रचना को पढ़ कर कह सकता हूँ कि आपके पास शब्द भी है , भावनाएँ भी हैं और उन्हें अभिव्यक्त व्यक्त करने की अभूय्पूर्व क्षमता भी |बस निरंतर लिखती रहिये | अनेकानेक शुभ कामनाएं |

7 जून 2017

मंजरी सिन्हा

मंजरी सिन्हा

बहुत अच्छी रचना है यह आपकी ----साक्षी जी

7 जून 2017

अभिषेक राणा

अभिषेक राणा

बहुत अच्छा साक्षी . Best of luck for future. तुम्हारी अगली रचना का इंतज़ार रहेगा...proudful brother

7 जून 2017

प्रदीप कुमार

प्रदीप कुमार

अच्छा सजोया है शब्दों की माला को |

6 जून 2017

शिशिर मधुकर

शिशिर मधुकर

प्रेम और दर्द भरी भावुक रचना ...........

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