सेहत बनाने के दावे करने वाले जो हेल्दी प्रोडक्ट बाजार में हैं वो हानिकारक हैं. सीएसई की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कंपनियां दमदार सेहत का छलावा देकर प्रोडक्ट बेचती हैं लेकिन वो ना तो शुगर और ना ही सोडियम का ख्याल रखती हैं. गाइडलाइंस साफ नहीं होने से इनको कोई डर भी नहीं है. सवाल है कि फूड लेबल में क्यों छुपाई जाती है सच्चाई और देश में क्यों हैं न्यूट्रिशन स्टैंडर्ड क्यों आधे-अधूरे हैं और क्या गाइडलाइन के अभाव में कंपनियां खेल करती हैं.
सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटानिया न्यूट्री च्वाइस कुकीज का दावा है कि ये कुकीज डायबटीज फ्रेंडली है. जबकि हकीकत ये है कि इसमें 19 फीसदी फैट पाया गया है. वहीं बॉर्नवीटा तन की शक्ति, मन की शक्ति बढ़ाने का दावा करता है जबकि सच्चाई ये है कि इसमें भी 71 फीसदी शुगर है जो सामान्य से 57 फीसदी ज्यादा है.
सीएसई की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि कंपनियां दमदार सेहत का छलावा देकर प्रोडक्ट बेचती हैं लेकिन वो ना तो शुगर और ना ही सोडियम का ख्याल रखती हैं.
इसी तरह कॉम्प्लैन का दावा है कि उसमें 34 वाइटल न्यूट्रिएंट हैं जबकि हकीकत ये है कि इसमें भी 29 फीसदी शुगर भरा हुआ है जो बच्चों के सेहत को नुकासान पहुंचा सकता है. हॉर्लिक्स का दावा है कि वे बच्चों लंबाई बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम मजबूत करता है जबकि सीएसई की रिपोर्ट बताती है कि ये दावे भ्रामक हैं, हॉर्लिक्स में भी 35 फीसदी शुगर पाया गया है.
सीएसई के रिपोर्ट के मुताबिक सफोला मसाला ओट फिटनेस डाइट होने का दावा करता है, जबकि हकीकत ये है कि इसमें सोडियम स्तर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि ज्यादा सोडियम दिल के लिए खतरनाक होता है. मैगी आटा नूडल्स भी ग्रेन शक्ति का दावा करता है लेकिन सीएसई की रिपोर्ट के मुताबिक इसमें भी सोडियम से जुड़ी जानकारी छुपाई गई है.
First published: January 26, 2017
ये हेल्दी फूड सेहत पर पड़ेंगे भारी, कर देंगे बीमार! - हिंदी खबर