गन् ने के जूश और कोल्ड ड्रिंक के बीच वार्तालाप
कोल्ड ड्रिंक - तुम्हे पता है मेरी उपयोगिता के बारे मैं बड़ी बड़ी डिग्री वाले पढ़े लिखे लोगो की पहली और आखिरी पसंद हूँ और तुम ..?
गन्ने का जूश - मैं कम पढ़े लिखे लोगो की पहली पसंद हूँ आखिरी नहीं क्योकि उनके पास संतरे ,मौसमी सत्तू छांछ और नारियल का पानी नीबू की शिकंजी , जैसे अनेको विकल्प है ।
कोल्ड्रिंक - मेरे अंदर फास्फोरिक एसिड है और तुम्हारे अंदर ..?
गन्ने का जूश - मेरे अंदर आयरन है ।
कोल्ड्रिंक - मेरे अंदर कैफीन है और तुम्हारे अंदर ..?
गन्ने का जूश - मेरे अंदर कैल्शिम है ।
कोल्ड ड्रिंक - सोडियम ग्लूटामेट है और तुम्हारे अंदर ..?
गन्ने का जूश - मेरे अंदर गलूकोज़ है ।
कोल्ड ड्रिंक - मेरे अंदर कार्बनडाई आक्साइड है ।
गन्ने का जूश - मेरे अंदर प्राणवायु रूपी आक्सीजन है ।
कोल्डड्रिंक - मेरे अंदर कैफीन , आर्सेनिक ,कैडमियम,पोटैसियम सोरबेट, मिथाइलबेन्जीन ,एस्पर्टेम है और तुम्हारे अंदर ..?
गन्ने का जूश - मेरे अंदर प्रोटीन,विटामिन, फास्फोरस और जैसे कई माइक्रोन्यूट्रिसन्स है जो मानवशरीर के लिए उपयोगी है ।
कोल्डड्रिंक - मुझे विदेश से आई हुई कम्पनिया बनाती है और करोड़ो रुपया भारत से लूट कर विदेश ले जाती है ।
गन्ने का जूश - मैं किसान के खेत में पैदा होता हूँ किसान के परिश्रम और स्नेह के कारण अमृत बन जाता हूँ ।
कोल्ड ड्रिंक - अरे भाई मनुष्य को स्वस्थ्य रखने की हर चीज तुम्हारे अंदर मौजूद है परंतु तुम्हे पैदा करने वाले किसान आत्महत्या करते है और मुझे पिने वालो को नपुंसकता, केंसर , शुगर , बीपी ब्रेनहेम्रेज जैसी गम्भीर बीमारिया होने से उनकी मृत्यु हो जाती है
फिर भी मुझे बनाने वाले करोड़पति बनते है और तुम्हे बनाने वाले रोडपति आखिर कारण क्या है ..?
गन्ने जूश - सत्य कहा तुमने ये समस्या पढ़े लिखे और बड़ी बड़ी डिग्री वाले आज भी मैकाले की मानशिक गुलामी में डूबे हुए है ।
यही बड़ा कारण है ये लोग वि ज्ञान पढ़ते तो है परंतु वैज्ञानिक बनते नहीं वरना ठंडा मतलब टॉयलेट क्लीनर क्यों पीते उस देश में जहा अमृत तुल्य अनेको विकल्प मौजूद है ।
शहीदे आजम भगत सिंह जी ने क्रातिकारियों द्वारा जारी घोषणा पत्र में कहा था अंग्रेज भारत से जाए ये हमारे जीवन का पहला लक्ष्य है अंतिम नहीं अंतिम लक्ष्य तो उससे भी महत्वपूर्ण है कि अंग्रेजियत भारत से जाए अंग्रेजियत मतलब अंग्रेजो द्वारा निर्मित हर व्यवस्था आजादी के बाद ऐसी शोषणविहीन व्यवस्था जहां भारत के अंतिम व्यक्ति को न्याय मिले मजदूर किसानों को सम्मान मिले पैसे के आधार पर किसी का सम्मान न हो कर्म के आधार व्यक्ति का सम्मान हो शहीदों के सपनो का सुजलाम सुफलाम भारत बने ।
अंत में उन्होंने लिखा है हम तो जीते जी इन उद्देश्यों की पूर्ति के मर जायेंगे खप जाएंगे देश की आने वाली पीढ़ियों से अपील है हमारे इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए हमारे बनाये रास्ते पर आते रहे और अपने आपको खपाते रहे जब तक की शहीदों के सपनो का सुजलाम सुफलाम भारत बन जाए ।
साथियो वर्तमान की चुनौतियों का हमे डट कर सामना करना ही होगा ताकि भारत में आने वाली पीढ़ी रह सके ऐसे भारत में जिसकी कल्पना अनन्य क्रांतिवीरों ने की थी एक ऐसा स्वाधीन भारत जंहा किसान आत्महत्या को मजबूर न हो ।
मेरे युवा साथियो दुनिया में कोई बिमारी नहीं जिसका इलाज नहीं ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जसका समाधान नहीं ।
भारत में किसानों की आत्महत्या उनकी आर्थिक स्थति गम्भीर समस्या है हर एक समस्या का समाधान है महत्व की बात यह है समाधान ढूढने वाला का संकल्प कितना बड़ा है प्रश्न यह है कि आप में और मुझमे संकल्प कितना मजबूत है उन पर चलने का और आचरण में लाने का ।
कहते है किसी भी राष्ट्र की नीव उस राष्ट्र के युवाओ की संकल्प शक्ति होती है ।
हर बड़ा सपना बड़ी हकीकत बनता है अगर सपने को हकीकत करने वालो का संकल्प बड़ा हो जाए ।
तो आओ मेरे प्यारे देश वासियों आज मै आप से कुछ मांगना चाहता हूँ न मुझे वोट चाहिए न मुझे नोट चाहिए मुझे आप से एक स्वदेशी का संकल्प चाहिए वो भी अपने लिए नहीं इस राष्ट्र के लिए ।
स्वदेशी संकल्प
मै .......संकल्प करता/करती हूँ कि भारत की आर्थिक आजादी राजनैतिक सम्प्रभुता और सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा के लिए अपने जीवन में अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग करूँगा और इसके प्रति दुसरो को जागरूक करूँगा ।
मैं सदैव स्वदेशी को आत्मसात करूँगा ताकि भारत के अंतिम व्यक्ति गरीब किसान का भविष्य उज्जवल हो ।
स्वदेशी रक्षक