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ज़िंदगी !

10 जुलाई 2017

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ये जिंदगी भी बड़ी अजीब होती है...

न चैन से हंसने देती है न चैन से रोने देती है..

अपनी मर्ज़ी के खेल खेलती रहती है...

जिंदगी से तो बस यही दुआ है मेरी की ..


ऐ जिंदगी !..


कुछ नया सा लेकर आ जिसमे चैन से जी सके ..

या कुछ ऐसा पल लेकर आ जिसको हंसकर याद कर सके..

पुरानी यादो को जिंदगी से निकल कर....

मेरे अन्दर नया जीवन भर दे..

खुश रहूँ हमेशा ये दुआ करके ..

जीवन में मेरे खुशियों का संसार भर दे ...

न दुःख हो न किसी की याद ...

बस यही दुआ मेरी कुबूल कर ले !...

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