14 साल पहले अंतरिक्ष में हुए हादसे पर बड़ा खुलासा हुआ है. कल्पना चावला की मौत से जुड़ा ये बड़ा राज अब दुनिया के सामने आ गया है.
जिस दिन कल्पना चावला ने अपनी अंतरिक्ष उड़ान भरी थी, उसी दिन उनकी मौत भी तय हो गयी थी..सिर्फ कल्पना ही नहीं बल्कि उनके साथ गए 7 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के अंत का अलार्म भी डिस्कवरी यान के साथ बज चुका था.
अंतिरक्ष दौरे के 16 दिनों तक ये लोग मौत के साये में रहे, पल-पल की जानकारी नासा स्पेस सेन्टर को देते रहे लेकिन नासा ने बोला कि…
अंतिरक्ष दौरे के 16 दिनों तक ये लोग मौत के साये में रहे, पल-पल की जानकारी नासा स्पेस सेन्टर को देते रहे लेकिन नासा ने सब जानते हुए भी उन्हें ये नहीं बताया की वहां से वापस आना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है..
इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर वेल ने किया है.
वेल के मुताबिक कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीन पर नहीं लौट पाएगा. जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि आखिर घटना के 10 साल बाद ये खुलासा क्यों किया गया ? तो उन्होंने बताया कि…
जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि आखिर घटना के 10 साल बाद ये खुलासा क्यों किया गया ? तो उन्होंने बताया कि नासा के वै ज्ञान िक दल नहीं चाहते थे कि मिशन पर गये अंतरिक्ष यात्री हर पल अपनी जिंदगी घुटघुट कर जिन्दा रहे.. इसलिए उन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी अंतरिक्ष यात्रियों को नहीं दी.अपनी दलील देते हुए वेल ने कहा कि कल्पना समेत उन 7 यात्रियों को इस बारे में बता दिया गया होता तो वो आक्सीजन खत्म होने तक स्पेस के चक्कर काट सकते थे लेकिन आक्सीजन खत्म होने के बाद उन्हें मरना ही पड़ता.
ये खुलासा इतना खौफनाक है कि लोग इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे है. लेकिन सच्चाई यही है कि अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना की मौत उसके सफर के साथ ही तय हो गई थी.
देश की वो पहली महिला जिसने अंतरिक्ष को छुआ था और अपने इसी कारनामे से वो आज करोड़ों महिलाओं की प्रेरणा बन गई हैं, वो कोई और नहीं बल्कि भारत देश की बहादुर बेटी कल्पना चावला हैं। ये वही कल्पना चावला हैं जिसे आज भी याद करके हर भारतीय का सीना चौड़ा हो जाता है।
1 फरवरी 2003, ये वो तारीख थी जब देश ने अपनी बेटी कल्पना चावला को हमेशा के लिए खो दिया था। 16 जनवरी को कोलंबिया सात मेधावी वैज्ञानिकों के साथ रवाना हुआ था, लेकिन कैसे 15 दिन बाद यह मिशन एक हादसे में बदल गया और देश की ये बहादुर बेटी जो हमेशा से ही सितारों को छूना चाहती थी, वो सितारों में ही बस गयी और लोगों को पता भी नहीं चला। कल्पना चावला को जानने वाले बताते हैं कि वो बचपन से ही उड़ने का सपना देखती थी।
वो दिन इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया। देश ने अपनी बेटी कल्पना चावला को हमेशा के लिए खो दिया था लेकिन इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे से महज एक दिन पहले कल्पना चावला ने भारतीय प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल से बात की थी।
कल्पना इस दौरान बेहद खुश दिखाई दे रही थी| प्रधानमंत्री ने इस बातचीत के दौरान कल्पना चावला को बताया था कि सिर्फ उनका ही नहीं हर भारतीय का सीना आज उनकी (कल्पना) वजह से गर्व से चौड़ा है।
देखिए कल्पना चावला का आखिरी वीडियो।
दुनिया में सभी लोगों को एक न एक दिन इस खूबसूरत जहां को अलविदा कहना होता है, मगर दुनिया में कुछ लोग सिर्फ जीने के लिए आते हैं, मौत महज उनके शरीर को खत्म करती है. ऐसे ही जांबाजों में से एक भारत की बहादुर बेटी कल्पना चावला थीं. भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ कल्पना की उड़ान रुक गई लेकिन आज भी वह दुनिया के लिए एक मिसाल है.
नासा वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था. कल्पना अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय (उन्होंने अमेरिका की नागरिकता ले ली थी) महिला थी. उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योती था. कल्पना ने फ्रांस के जान पियर से शादी की जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे.
जानिए कल्पना चावला की 10 बातें