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जबरी पहुना भइल जिनगी

21 जुलाई 2017

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कब दरक गइल जियरा

उधियाइल भिनुसहरा

अब टोवत बेवाई

सभे अहमक़ कहाई ।

साटल पेवना भइल जिनगी ॥


घाव बाटे जियतार

टकटोरत बार बार

उहाँ उजार खोरिया

देखीं जवने ओरिया

काँच खेल वना भइल जिनगी ॥


बड़की बिटिया सयान

सभे उझिलत गियान

दाना ला मोहताज

कइसे चली राज काज

ओद लगवना भइल जिनगी ॥


माँग बहोरि आंखि नम

पायल बाजल छमाछम

केहरो मन के खटास

टूटि बिखरल बा आस

बिसरल चूवना भइल जिनगी ॥


घरे खलिहा सिकउती

इचिको नइखे बपउती

कहवाँ बाटे चउपाल

भर गउवाँ बा बेहाल

जबरी पहुना भइल जिनगी ॥



•जयशंकर प्रसाद द्विवेदी

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जबरी पहुना भइल जिनगी

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कब दरक गइल जियरा उधियाइल भिनुसहरा अब टोवत बेवाई सभे अहमक़ कहाई । साटल पेवना भइल जिनगी ॥ घाव बाटे जियतारटकटोरत बार बार उहाँ उजार खोरियादेखीं जवने ओरिया काँच खेलवना भइल जिनगी ॥ बड़की बिटिया सयान सभे उझिलत गियानदाना ला मोहताजकइसे चली राज काजओद लगवना भइल जिनगी ॥ माँग बहोरि आंखि

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