मुंबई की मोटर साइकिल सवार गड्डे में फिसल गई
दिल्ली के अनिल गुप्ता की जान नाले में निकल गई
नगर निगमों की लापरवाही पर जनता बहुत नाराज़ है
खुलकर वो ये कहती है यहाँ होता ना कोई काज है
लेकिन भोली जनता को क्या इतना भी नहीं ज्ञात है
निगम नेतागिरी के अड्डे हैं जहाँ उसकी नहीं औकात है
नालियां, सीवर और सड़क सफाई के जो भी काम हैं
मेयर, पार्षद और अफसरों के लिए वो तो अपमान हैं
मेयर यहाँ बन जाना इस जीवन की एक बड़ी शान है
जनता तो बस मूर्ख भिखारी है वो ही तो बस महान है
शिशिर मधुकर