मापनी- ११११ २२२२ २२१२
समांत- ओरी, पदांत- सखी
“गीतिका”
उपवन में राधिका गोरी सखी
सुधबुध खो कान्हा होरी सखी
जिनमन मुरली बड़ी प्यारी हुई
मधुबन में नाचती भोरी सखी॥
चितवन तुम भी तिन्ह झाँकी झरो
सखियन में मालती मोरी सखी॥
अब तुम से की कहूँ गति आपनी
बिरहन जिय बाँधती डोरी सखी॥
लखत ठगी सी रही मनमोहना
चितवन में राचती जोरी सखी॥
बरसनवा की कुड़ी भरमा गयी
सवतन भइ गोकुला छोरी सखी॥
‘गौतम’ चित चोरना बिसरे नहीं
नयनन में श्याम री रोरी सखी॥