महान इंसान मरने के बाद भी काम का रहता है. अच्छे लोगों के लिए उसकी बातें जिंदगी का सबक बन जाती हैं. बुरे लोगों के लिए उसका नाम ‘इस्तेमाल’ करने के काम आता है. राजनीति के लिए. अपने फायदे के लिए. पूर्व प्रेसिडेंट एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उनका नाम है. तो बस कुछ लोग कर रहे हैं इस्तेमाल. दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया. लेकिन ये मामला इससे भी आगे का है.
कलाम के कभी एडवाइजर रहे वी पुणराज ने कुछ रोज पहले एक पॉलिटिकल पार्टी बनाई. नाम रखा अब्दुल कलाम विजन इंडिया पार्टी. लेकिन ये बात कलाम के परिवार को पसंद नहीं आई. उन्हें लगा नाम का गलत इस्तेमाल हो रहा है. विरोध किया कि राजनीतिक फायदे के लिए कलाम के नाम का इस्तेमाल न हो. लेकिन कौन सुने.
अब कलाम के भतीजे एपीजे एम हजा सैयद इब्राहिम ने एक नई पॉलिटिकल पार्टी बनाई है. नाम है ‘देसीय जननायक काची’. इब्राहिम ने बताया कि हमने ये पार्टी इसलिए बनाई, क्योंकि हर कोई अपने पॉलिटिकल फायदे के लिए बीते कुछ वक्त से कलाम के नाम का गलत यूज कर रहा है. हमारी पार्टी का मकसद होगा कि कलाम के नाम का गलत इस्तेमाल न हो.
द हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इब्राहिम तमिलनाडु बीजेपी की माइनॉरिटी विंग के वाइस प्रेसिडेंट थे. लेकिन इब्राहिम ने बीते साल नवंबर में बीजेपी को अलविदा कह दिया. वजह बताई कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में कलाम के घर को नॉलेज सेंटर बनाने से इंकार किया.
इब्राहिम ने कहा, ‘बीजेपी ने इस आइडिया को जरा सी भी इंपॉर्टेंस नहीं दी. अच्छी एजुकेशन और यूथ अफेयर्स पर दिए आइडिया पर बिलकुल ध्यान नहीं दिया, तब जबकि ये कलाम का आइडिया था.’ कलाम के पोते शेख सलीम ने कहा, ‘पॉलिटिकल पार्टी बनाने का स्वागत किया जाना चाहिए. पर इस बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि भविष्य में कभी कलाम के नाम का इस्तेमाल न हो.’
साभार : The Lallantop