1. लिख रहा हु मै अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा
मै रहू या न रहू पर ये वादा है तुमसे मेरा की
मेरे बाद वतन पर मरने पर सैलाव आएगा
2. मुझे न तन चाहिए न धन चाहिए
बस अमन से भरा ये वतन चाहिए
जब तक जिन्दा रहू इस मातृ भूमि लिए
और जब मरू तो तिरंगा कफ़न चाहिए
3. मेरे हिंदुस्तान महान था
महान है और महान रहेगा
होगा हौसला बुलंद सैकड़ो में बुलंद
तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा
4. न पूछो ज़माने को
क्या है हमारी कहानी
हमारी तो पहचान तो सिर्फ ये है
की हम सिर्फ हिंदुस्तानी है ............गणेश सक्सेना