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मेरे बचपन एंड माय लाइफ (दीनदयाल सरोज सरोज

19 अगस्त 2017

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featured image हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है एंड मेरा बर्थडे है 24/03/1998 मेरा जन्म ग्राम धनोरा में हुवा है मेरी स्टाटिंग स्टडी govt स्कूल धनोरा में हुवा मई बचपन से ही पापा एंड मम्मी क लाडला था मई ग्राम धनोरा में १ली क्लास से ५वी क्लाड तक पड़े की मई अ स्कूल के चुटी ह के बाद मैदान में ई करने आता था ल पापा को ये सब प् नै था ओ अक्सर मेरे को ढूडने एते थे कई बार थो मेरे को डाट भी पड़ा लेकिन मई फ भी नै सुधारा फिर मेरे को पापा जी सरवनडी स्कूल में ६वी क पड़े के लिए बी दी मै वहा 9 ९वी तक पढ़ाईकी उसके बाद गोवत स्कूल दुधावा में ९वीके पढ़ाई के लिए एडमीशंन लिया वहा मेरे को बहुत सारे डी मि उ सात मई खूब इंजॉय किया ज ही हमारा ल क टी होता था हम सब जंगल के ऊपर जाते थे एक दिन स हम फिर है लोगो को डाट भी पड़ी मेरे ओछे दोस्त थो बहुत थे लेकिन लेख राज pileshwar पार्वती ओ मेरे बचपन के फ्रेंड्स थे जो भी बा होता था ओ मई आने इन दोस्तों के सात बाते सेहर कर था उ बाद कॉलेज के पढ़ाई के पड़े के लिए गोवत नवी कॉलेज सरोना में अड़ लिया वह भी मेरे बहुत सारे फ्रेंड्स बा उस के सात क फ्री य बी बने जन में family की ता र था ता करके मई बी.सक. fainai ईयर में बी गया ह आ की कहानी ई बाद लिखता हु टी गोवत पड़े प्रभारी

हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम नामदीनदयाल,.?

पूनम शर्मा

पूनम शर्मा

स्वागत , अच्छी pic

19 अगस्त 2017

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रचनाएँ
Deendyalsaroj
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हेलो हेल्लोफ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है हैमेरामेराडेट ऑफ़ बर्थडे242424 मार्च 1998 में हुवा हैहै मई मये बचपन से ही मम्मी पापा का लाडला था मेरी स्टाटिंग स्टडी शासकीय स्कूल धनोरा में हुवा मई बचपनबचपन से ही अपने मर्जी से काम करने वाला था मि जब शूल से घर आता था थो अपने दोस्तों के सात स्कूल के गटूण्डस में खेलने आ जाता था सायद पापा क कको जायदा देर तक मेरा गुमने से नाखुश थे पापा जी मुगेह ौचा पड़ना कहते थे पा प् प् मेरे को ढूढ़ने कके लिए आ जाते थे उसके बाद मेरा एडमिशन सरवंदी स्कूल में कर दी मई वह पर ६वी से ८वी तक पड़े उसके बाद मेरा एडमिशन दुधवा स्कूल में कर दया उसके बाद वह से पड़े ख़तम करने के बाद मी में कॉलेज के पड़े के लिए फ्रॉम डाला वह भी मेरा नाम आआ गया वह कॉलेज का नाम है गोवत नवीन कॉलेज सरोना इसे थो ये कॉलेज छोटा सा है मगर यहाँ के टीचर लोग बहुत बढ़िया ह है है यहाँ थो स्कूल से जाया सॉरी जायदा पड़े होता है हर सब्जेक्ट क नोट बुक बनाना पड़ता है यासा तैसा करके मि बी.स.स. फर्स्ट ईयर से निकल गया उसके उसके बाद मि b.s.c. towईयर में पहुंच गया यया इसे तैसा करके मई बी.सक. फ़ाइनल ईयर में गया हु मे डॉक्टर बनाना बस आगे की कहानी बाद में लिखता हु रे पापा का सपना है की मेरे को
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मेरे बचपन एंड माय लाइफ (दीनदयाल सरोज सरोज

19 अगस्त 2017
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20 अगस्त 2017
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यह कविता टाइप कुछ छोटा सा लाइन लिख रहा हु पहले apne बारे बाबता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मै ग्राम धनोरा दुधवा से हु िश कविता का लाइन है डी धियान से पड़नापड़ना and फ followfollow karnakarna--------कभी हसता हुए छोड़ देती है ये जिंदगी कभी

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