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जिंदगी की अजीब कहानी (Deendyal saroj )

20 अगस्त 2017

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featured imageयह कविता टाइप कुछ छोटा सा लाइन लिख रहा हु पहले apne बारे बाबता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मै ग्राम धनोरा दुधवा से हु िश कविता का लाइन है डी धियान से पड़नापड़ना and फ followfollow karnakarna--------कभी हसता हुए छोड़ देती है ये जिंदगी कभी रोते हुए छोड़ देती है जिंदगी न पूर्ण विराम सुख में न पूर्ण विराम दुख में बस जहा दःख देखो वहा अलप विराम व् छोड़ देतीहै ये जिंदगी piyaarकी डोर सजाये रखो दिल को दिल से मिलाये रखो क क्या लेकर जाना है सात साथमें इसदुनिया से मिटेः बोल और अच्छेवयवहार से रिश्ते को बनाये रा रखो Byडी deendyal deendyal saroj बी
राकेश कस्यप

राकेश कस्यप

सही Line ज Yaar

21 अगस्त 2017

रमा देवी

रमा देवी

Supar Line Hai Yaar

20 अगस्त 2017

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रचनाएँ
Deendyalsaroj
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हेलो हेल्लोफ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है हैमेरामेराडेट ऑफ़ बर्थडे242424 मार्च 1998 में हुवा हैहै मई मये बचपन से ही मम्मी पापा का लाडला था मेरी स्टाटिंग स्टडी शासकीय स्कूल धनोरा में हुवा मई बचपनबचपन से ही अपने मर्जी से काम करने वाला था मि जब शूल से घर आता था थो अपने दोस्तों के सात स्कूल के गटूण्डस में खेलने आ जाता था सायद पापा क कको जायदा देर तक मेरा गुमने से नाखुश थे पापा जी मुगेह ौचा पड़ना कहते थे पा प् प् मेरे को ढूढ़ने कके लिए आ जाते थे उसके बाद मेरा एडमिशन सरवंदी स्कूल में कर दी मई वह पर ६वी से ८वी तक पड़े उसके बाद मेरा एडमिशन दुधवा स्कूल में कर दया उसके बाद वह से पड़े ख़तम करने के बाद मी में कॉलेज के पड़े के लिए फ्रॉम डाला वह भी मेरा नाम आआ गया वह कॉलेज का नाम है गोवत नवीन कॉलेज सरोना इसे थो ये कॉलेज छोटा सा है मगर यहाँ के टीचर लोग बहुत बढ़िया ह है है यहाँ थो स्कूल से जाया सॉरी जायदा पड़े होता है हर सब्जेक्ट क नोट बुक बनाना पड़ता है यासा तैसा करके मि बी.स.स. फर्स्ट ईयर से निकल गया उसके उसके बाद मि b.s.c. towईयर में पहुंच गया यया इसे तैसा करके मई बी.सक. फ़ाइनल ईयर में गया हु मे डॉक्टर बनाना बस आगे की कहानी बाद में लिखता हु रे पापा का सपना है की मेरे को
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मेरे बचपन एंड माय लाइफ (दीनदयाल सरोज सरोज

19 अगस्त 2017
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हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है एंड मेरा बर्थडे है 24/03/1998 मेरा जन्म ग्राम धनोरा में हुवा है मेरी स्टाटिंग स्टडी govt स्कूल धनोरा में

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जिंदगी की अजीब कहानी (Deendyal saroj )

20 अगस्त 2017
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यह कविता टाइप कुछ छोटा सा लाइन लिख रहा हु पहले apne बारे बाबता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मै ग्राम धनोरा दुधवा से हु िश कविता का लाइन है डी धियान से पड़नापड़ना and फ followfollow karnakarna--------कभी हसता हुए छोड़ देती है ये जिंदगी कभी

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मेरे देश बेरोजगार (लेखक दीनदयाल सरोज )

21 अगस्त 2017
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मेरे को तो आप आप सभी जनते ही हो मै दो लेख और लिख चूका हु फिर भी मैअपना परिचय दे देता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मेरा लेख क नाम है:- मेरे देस के बेरोजगार एक बार कांकेर जिला के कलेक्टर मेरे

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O.B.C. को सम्मान दो (deendyal saroj )

10 सितम्बर 2017
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आज का मेरा लेख है O.B.C. को सम्मान दो हर तरफ G.E.N. O.B.C. को या के प्रति हो रही समानता के अधिकार का हनन को देखते हुए मुगेहलिखना ही पड़ा क्यों हर तरफ st/sc को छूट दी जाती है बल्कि o.b.c.को छूट क्यों नै ?क्यों S.T. and S.C. के लिए D.E.D. जरु

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