पर्वराज पर्यूषण
आयो रे पर्वराज पर्यूषण नित प्रति करें जिनदर्शन पूजा पाठ रचाएं भविजन हों धार्मिक आयोजन आयो रे पर्वराज पर्यूषण सात्विक शुद्ध करें भोजन शुद्ध हो तन शांत हो मन त्याग दें सप्त व्यसन आयो रे पर्वराज पर्यूषण दशलक्षण व्रत पालन करें जीव दिया चित लाएं हम सबको क्षमा सबसे क्षमा 'क्षमा वीरस्य भूषणम्' महा पर्व ये जैन धर्म में शुद्धता लाये मन और कर्म में हर्षित है जन-जन का मन आयो रे पर्वराज पर्यूषण - नवीन कुमार जैन बड़ामलहरा