भारत मे व लगभग सारी दुनिया मे एक बड़ा जेहाद चल रहा है #लव_जेहाद। शेष दुनिया का तो कुछ कह नहीं सकता लेकिन भारत मे ये सब केवल भारतीय कानून की वजह से हो रहा है। वो इसलिए कि सबसे पहले तो ये समझिए, क्या अंतर है कानून का, जिसके कारण अधिकतर हिन्दू लड़कियां ही फंसती हैं इन मुस्ललों के चक्कर मे? पहले हिंदुओं में विवाह की उम्र निश्चित हुया करती थी 18 साल, लड़का व लड़की दोनों की। लेकिन बाद में इसे लडके के लिए 21 साल कर दी गयी और लड़की की उम्र 18 साल रखी गयी। ये तो हो गया हिंदुओं के लिए कानून!!! अब समझिए मुसलमानों के लिए। लड़का हो या लड़की, 15 साल की उम्र हो गयी तो दोनों बालिग हो जाते हैं।
अगर किसी नाबालिग हिन्दू लड़की से कोई मुसलमान शादी करता है तो उसे मुसलमान बना लिया जाता है और मुसलमान बनते ही वो बालिग हो जाती है। जबकि अगर कोई हिन्दू लड़का किसी मुस्लिम लड़की से शादी करना चाहता है तो उसकी उम्र 18 साल होनी चाहिए। अब कुछ तो आपको समझ आ ही गया होगा। सोचने की बात ये है मुसलमान की नजर में लड़की के बालिग होने से मतलब केवल उसकी बच्चे पैदा करने की मशीन से है, चाहे उसमें बुद्धि हो या न हो। लेकिन हिंदुओं में तो केवल शारीरिक आकर्षण सबसे महत्वपूर्ण माना जाने लगा है। भाई श्री हेमंत कुमार जी की फेसबुक भित्ति से प्रतिलिपि भारत स्वाभिमान दल द्वारा साभार प्रसारित.....