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सौभाग्य से यह जीवन मिला

9 सितम्बर 2017

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प्रिय मित्रों,

बड़े ही सौभग्य की बात है की हमें यह जन्म एक मानव के रूप में मिला है, पृथ्वी पर निवास करने वाले पच्चासी करोड़ देवी देवताओं को भी यह सौभग्य नहीं प्राप्त होता है , गोस्वामी जी ने कहा है - बड़े भग्य मानुष तन पावा, सुर दुर्लभ सब ग्रंथन गावा / अर्थात समस्त ग्रन्थ भी यही प्रमाण देते है की यह मानव तन बड़ा ही दुर्लभ है , तो इसे ब्यर्थ के ब्यसनों में न गवाएं , वार्ना अंत समय पछताना पड़ेगा / शुद्ध शाकाहारी भोजन करें क्योकि बड़ी बड़ी लाइलाज बीमारियां अशुद्ध व मांशाहारी भोजन से ही होती हैं/

आज के समय में मनुष्य खुशियां मनाता है पार्टी करता है , और मेरा अनुमान है की आज के समय में ऐसी कोई पार्टी नहीं होती जिसमे बियर , दारू , मुर्गा , बकरा , मछली आदि आदि का प्रयोग न होता हो, जो की सर्वथा गलत है/

हम एक शरीर धारी, सर्व गुण संपन्न प्राणी ऐसी वस्तुओं का उपयोग करते हैं जिनका प्रयोग शायद इस धरती पर रहने वाला कोई जानवर भी नहीं करता होगा/ कोई भी जानवर चाहे जितना प्यासा हो उसके आगे बाल्टी में दारू या बियर रखो तो वह नहीं पियेगा, चाहे जितना भूखा हो कोई भी पालतू जानवर उसके आगे मांस रखो वह नहीं खायेगा, तो हम सर्व गुण संपन्न होते हुए भी इन चीजों का उपयोग क्यों करते है/ पृथ्वी पर कई प्रकार के अन्न उगाये जाते हैं वो खाओ , यदि उनसे पेट न भरे तो मेहनत मजदूरी करो फल उगाओ , कई प्रकार के पौस्टिक व स्वादिस्ट फल आते है उन्हें खाओ , तुम अपना पेट भरने के लिए बेचारे बेजुबान जानवर की हत्या क्यों करते हो/

अतः मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है की शाकाहरी बने, और बड़ी बड़ी भयंकर बीमारियों से बचे/

बाबा जी का कहना है शाकाहारी रहना है/

तन मन करता कौन ख़राब , अंडा , मछली, मांस, शराब/

क्या खाने से होगी भलाई, रोटी सब्जी दूध मलाई/

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