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O.B.C. को सम्मान दो (deendyal saroj )

10 सितम्बर 2017

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featured imageआज का मेरा लेख है O.B.C. को सम्मान दो हर तरफ G.E.N. O.B.C. को या के प्रति हो रही समानता के अधिकार का हनन को देखते हुए मुगेहलिखना ही पड़ा क्यों हर तरफ st/sc को छूट दी जाती है बल्कि o.b.c.को छूट क्यों नै ?क्यों S.T. and S.C. के लिए D.E.D. जरुरी नहीं है बल्कि हम ग.इ.न. (G.E.N. O.B.C. )के लिए जरुरी है थो हम G.E.N.o.b.c. पड़ना छोड़ दे क्या ?जब ज अरकछण वालो को ही नौकरी देनी है तो ? लेकिन ये बात भी याद रह रहे की Students power and G.E.N. o.b.c. group आपके सरकार को गिरा सकता है क्यों पटवारी के लिए (D.C.A. ,P.G.D.C.A. ,B.C.A. )St sc के लिए नहीं लेकिन (G.E.N. O.B.C. ) के लिए जरुरी हो तो क्यों हम अपने मम्मी पापा का पैसा बर्बाद कर रहे है कोई आतकवादी जन्म से नहीं बनता इन्ही कुछ कारणों से बनते है फिर social science के no.3 में human write के लिए य ऐसा कहा गया है की समानता का अधिकार सभी को मिलना चाइये . अतः आपसे निवेदन है की आरछणहटाओ और समानता का अधिकार दिलाओ डाभी को राहेबराहेबकी की
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रचनाएँ
Deendyalsaroj
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हेलो हेल्लोफ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है हैमेरामेराडेट ऑफ़ बर्थडे242424 मार्च 1998 में हुवा हैहै मई मये बचपन से ही मम्मी पापा का लाडला था मेरी स्टाटिंग स्टडी शासकीय स्कूल धनोरा में हुवा मई बचपनबचपन से ही अपने मर्जी से काम करने वाला था मि जब शूल से घर आता था थो अपने दोस्तों के सात स्कूल के गटूण्डस में खेलने आ जाता था सायद पापा क कको जायदा देर तक मेरा गुमने से नाखुश थे पापा जी मुगेह ौचा पड़ना कहते थे पा प् प् मेरे को ढूढ़ने कके लिए आ जाते थे उसके बाद मेरा एडमिशन सरवंदी स्कूल में कर दी मई वह पर ६वी से ८वी तक पड़े उसके बाद मेरा एडमिशन दुधवा स्कूल में कर दया उसके बाद वह से पड़े ख़तम करने के बाद मी में कॉलेज के पड़े के लिए फ्रॉम डाला वह भी मेरा नाम आआ गया वह कॉलेज का नाम है गोवत नवीन कॉलेज सरोना इसे थो ये कॉलेज छोटा सा है मगर यहाँ के टीचर लोग बहुत बढ़िया ह है है यहाँ थो स्कूल से जाया सॉरी जायदा पड़े होता है हर सब्जेक्ट क नोट बुक बनाना पड़ता है यासा तैसा करके मि बी.स.स. फर्स्ट ईयर से निकल गया उसके उसके बाद मि b.s.c. towईयर में पहुंच गया यया इसे तैसा करके मई बी.सक. फ़ाइनल ईयर में गया हु मे डॉक्टर बनाना बस आगे की कहानी बाद में लिखता हु रे पापा का सपना है की मेरे को
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मेरे बचपन एंड माय लाइफ (दीनदयाल सरोज सरोज

19 अगस्त 2017
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हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम दीनदयाल सरोज है एंड मेरा बर्थडे है 24/03/1998 मेरा जन्म ग्राम धनोरा में हुवा है मेरी स्टाटिंग स्टडी govt स्कूल धनोरा में

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जिंदगी की अजीब कहानी (Deendyal saroj )

20 अगस्त 2017
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यह कविता टाइप कुछ छोटा सा लाइन लिख रहा हु पहले apne बारे बाबता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मै ग्राम धनोरा दुधवा से हु िश कविता का लाइन है डी धियान से पड़नापड़ना and फ followfollow karnakarna--------कभी हसता हुए छोड़ देती है ये जिंदगी कभी

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मेरे देश बेरोजगार (लेखक दीनदयाल सरोज )

21 अगस्त 2017
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मेरे को तो आप आप सभी जनते ही हो मै दो लेख और लिख चूका हु फिर भी मैअपना परिचय दे देता हु मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मेरा लेख क नाम है:- मेरे देस के बेरोजगार एक बार कांकेर जिला के कलेक्टर मेरे

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O.B.C. को सम्मान दो (deendyal saroj )

10 सितम्बर 2017
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आज का मेरा लेख है O.B.C. को सम्मान दो हर तरफ G.E.N. O.B.C. को या के प्रति हो रही समानता के अधिकार का हनन को देखते हुए मुगेहलिखना ही पड़ा क्यों हर तरफ st/sc को छूट दी जाती है बल्कि o.b.c.को छूट क्यों नै ?क्यों S.T. and S.C. के लिए D.E.D. जरु

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