अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम ,
पर समय साक्षी रहना तुम !!
उस पल के- जो हो सत्य सा अटल -
ठहर गया है भीतर कहीं गहरे ,
रूठे सपनों से मिलवा जो -
भर गया पलकों में रंग सुनहरे ;
यदा -कदा बैठ साथ मेरे -
उन यादों के हार पिरोना तुम !!
जिसमे आया जाने कहाँ से -
जन्मों की ले पहचान कोई ,
विस्मय सा भर जीवन में -
कर गया हैरान कोई ;
मौन आराधन सा वो मेरा -
उस संग जन्मों का संग बोना तुम !!
आत्मा की अतल गहराइयों में -
जो भरेगा उजास नित नित ;
दिन महीने गुजर जायेगे -
आँखों से ओझल न होगा किंचित ;
हो ना जाऊं तनिक मैं विचलित -
प्राणों में अनत धीरज भर देना तुम !!
अपने अनंत प्रवाह में बहना तुम
पर समय साक्षी रहना तुम !!!!!!!!!!!!