उसने अपनी ज़िन्दगी चुन ली है,
मैंने अपनी मौत चुन ली है।
उसने अपनी राह चुन ली है,
मैं अपने मक़ाम पे पोहच चूका हु।
उसने अपने सपने छुपा रखे है,
मै अपने सपने जी चूका हु।
ए हवा ज़रा अपना रुख़ मोड़ना,
उस गली में जाके मेरा पैग़ाम देके आना,
उसको मेरा अलविदा कहना,
मैं अपनी मंज़िल तक पोहच चुका हु।