मेरी बंदगी पे इतनी इनायत करले ऐ खुदा
की मुंतज़िर-ऐ-ज़िंदगी को उनकी मौसिकी से नजात मिल जाए
ये मेरी तिशंगी है ना की नादान सी खवैशे उनके तज्वर कि
जो कभी पूरी हो नहीं सकती....।।।
- जास्मिन बहुगुणा
29 जनवरी 2018
मेरी बंदगी पे इतनी इनायत करले ऐ खुदा
की मुंतज़िर-ऐ-ज़िंदगी को उनकी मौसिकी से नजात मिल जाए
ये मेरी तिशंगी है ना की नादान सी खवैशे उनके तज्वर कि
जो कभी पूरी हो नहीं सकती....।।।
- जास्मिन बहुगुणा