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मन्दिर के अन्दर पत्थर बिखर गया

19 फरवरी 2018

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जब मैंने अपनी सूरत देखी




आईना बिखर गया




काँच हाथो मे चुभा , चेहरा बिखर गया



तुमको पाने की जो दुआ मांग ली



मन्दिर के अन्दर पत्थर बिखर गया



मेरे गम पे ना जाओ यह तो मेरा मुकदर है



थी तमाम खुशियाँ लिखी हुई मेरे मुकदर मे



लेकिन विकास क्या करे नरगिस



मुझे खुशियाँ देने के वादे से , ख़ुदा मुकर गया



कांच हाथो मे चुभा , लहू जमीं पर बिखर गया



आ ही जाते है यू तो वो अक्सर छत पर



जाने आज की रात दिल का चाँद किधर गया



सुबह की धूप मे कोहरा है शामिल



इसलिए आज मुझको घर ही रहने दो



और फ़िर शाम तलक मुझको तन्हा करके



जवानी का एक और दिन गुजर गया



काँच हाथो मे चुभा , दवा लेने सारा शहर गया



विरान खण्डहर सी है मेरी जिन्दगी



कब आएगा कोई रूह तलक महकाने



या ये समझू रमन , जीवन ये बेकार गया











DABLU KUMAR

DABLU KUMAR

बहुत खूब सर

19 फरवरी 2018

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सर कट गया है उसका लेकिन जंग अभी जारी है.....

25 जनवरी 2018
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दिल के धड़कने का दस्तूर जारी है , तुमसे प्यार करने का कसूर जारी है | मैंने कहा उसको अब तो अपनी जुल्फों से आज़ादी दे दो , उसने कहा अभी सज़ा तुम्हारी जारी है | अपने मन की तो तुम जानो , मैं तो अपने मन की कहता हूँ |

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तुमको पाया है मैंने जबसे

2 फरवरी 2018
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पहले तुमको देखता हु फिर खुद को देखता हु मै आजकल दुनिया को कम देखता हु तुमको पाया है मैंने जबसे, मै खुद को खुदा के करीब देखता हु मेरे रूबरू होकर जब भी निकलो , मुझसे मिल जाया करो मै जल जाता हु ,जब तुम्हे नहीं देखता हु मेरे करीब आकर मुझमे रहने लग जाओ म

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अगले जन्म मे शायद मिलना होगा

3 फरवरी 2018
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दिल इधर मोम का है उधर तो शायद पत्थर होगा प्यार मुझी को है तुमसे , तुम्हे तो मुझसे क्या होगा इस जन्म का बिछड़ना तुम याद रखना अगले जन्म मे शायद मिलना होगा हम तुम्हे याद करके , रो रो के मर जायेगे

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प्यार उससे किया तो यह हाल किया

5 फरवरी 2018
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दिल को समझाने चला तो दिल नहीं माना कोई अपना होकर नहीं माना तो कोई पराया होकर नहीं माना प्यार उससे किया तो यह हाल किया मुस्कुराती हुई जिन्दगी को रुला कर ही माना जिन्दगी ने बददुआ दी मुझे ऐसी जो भी मिला मुझे , मुझे जला कर

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हम जिसको भी अपना समझ लेते है

5 फरवरी 2018
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हम जिसको भी अपना समझ लेते है उसका ही गम खरीद लेते है दुनिया के बाज़ार मे कोई हमको खरीदने नही आया क्यू नहीं कुछ दाम घटा लेते है हम उनको जब करते है इशारा वो हमारी ख़ुशी के लिए , चेहरे से जुल्फों क

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दर्द मे डूबा हुआ चाँद है

8 फरवरी 2018
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दर्द मे डूबा हुआ चाँद है , जख्म लेकर सीने पे , तेरी गलियों मे फिरते है सितारे कोई तो हो जो इनको , दर्द के पार उतारे क्या गुनगुना रहे हो तुमइस नन्ही "ग़ज़ल" के शब्द बिखरे हुए है सारे कोई तो हो जो इनको

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क्यू रहते हो मुझसे खफ़ा और नाराज़

11 फरवरी 2018
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क्यू रहते हो मुझसे खफ़ा और नाराज़ मुझ मे आकर रहने लग जाओ , सीख लो मेरे अन्दाज चाँद जल रहा है मेरी रूह बन कर सूरज पिघल रहा है मेरी आह सुनकर तुम क्यू नहीं आकर , मुझ मे मिल ज

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फॉग चल रहा है रात दिन

15 फरवरी 2018
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कोई आँखों मे रहता है रात दिन मुस्कुराता है मुझ मै रात दिन कोई दिल मे रहता है रात दिन खूबसूरत हो गए है मेरे रात दिन मे अपने मे से निकल कर रह आता हु उसमे रात दिन मेरी रूह भी कह रही है कहा रहते हो आजकल रात दिन सुबह

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दर्द को छोड़ दो दवा की बात करो

16 फरवरी 2018
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दर्द को छोड़ दो दवा की बात करो माँ के पाँव छु लो उसकी दुआ की बात करो कल का सूरज कल के साथ डूब गया , आँखों मे नये ख़्वाब रखो और कल को छोड़ दो आज की बात करो जब तुम्हारी मन्जिल मे हु और मुझको पाना है तो

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जिन्दगी ने सताया मुझे इतना है

16 फरवरी 2018
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जिन्दगी ने सताया मुझे इतना है कि आँखों से लहू निकल आया है मेरे ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं है अपना हि कोई जब जुल्म करने पर उत्तर आया है मै रात कि तन्हाईयो मे जाग रहा हु जबकि दुनिया की आँखों मे ख़्

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कभी हमको ख़ुदा बना देते हो

16 फरवरी 2018
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कभी हमको ख़ुदा बना देते हो कभी नज़रो से गिरा देते हो ये कैसी है तुम्हारी अदा हमको रुला देते हो कभी नज़रो मे बसा लेते हो कभी नज़रो से गिरा देते हो ये कैसी है

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जिन्दगी तुम मुझे

17 फरवरी 2018
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जिन्दगी तुम मुझे फिर से जीने की वज़ह दे रही हो मैं इनाम का हकदार हु या फिर कोई सज़ा दे रही हो मैंने ग़ज़ल लिखना जब से बन्द किया है कोई नजम बन के तुम सदा दे

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रात के आसमान पर जब चाँद निकलेगा

18 फरवरी 2018
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रात के आसमान पर जब चाँद निकलेगा बावरा मन प्यार को तरसेगा तुमको भी कुछ होगा , मुझको भी कुछ होगा जब प्यार का प्यासा सावन , हम दोनों पर बरसेगा प्यार मे नहाने

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इत्र ऐसा प्यार का

18 फरवरी 2018
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थोड़ा तुम महको थोड़ा मुझे भी महका दो इत्र मेरे जिस्म पर प्यार का आज ऐसा लगा दो थोड़ा तुम चहको थोड़ा मुझे भी चहका दो सुर अपने गीतो मे प्यार का आज ऐसा लगा

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मन्दिर के अन्दर पत्थर बिखर गया

19 फरवरी 2018
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जब मैंने अपनी सूरत देखी आईना बिखर गया काँच हाथो मे चुभा , चेहरा बिखर गया तुमको पाने की जो दुआ मांग ली मन्दिर के अन्दर पत्थर बिखर गया मेरे

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दिल ने कहा धड़कनो मे कुछ खराबी है

20 फरवरी 2018
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दिल ने कहा धड़कनो मे कुछ खराबी है तुम्हे देखा है जब से आदते शराबी है सुबह की तो क्या कहु रात तक गुलाबी है मेरी आँखों मे गिर गया है तेरा हसीन ख्वाब आके आँखों की रंगत अब

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जब जिन्दगी को कहा मैंने अलविदा

21 फरवरी 2018
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जब जिन्दगी को कहा मैंने अलविदा हर आंख मे थे आँसू , जब जिन्दगी को कहा मैंने अलविदा मेरा हर रास्ता तुम तक जाता था मै कही भी रहता था तुम मे ही लौट के आता था

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दिल का आईना टूट जाता है

28 फरवरी 2018
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ख़ुदा भी जब चाहे हमसे रूठ जाता है और हमको मनाना भी कहा आता है जब भी किसी से करते है मोहब्ब्त दिल का आईना टूट जाता है और हमको जोड़ना भी कहा आता है फिर से उनकी बेरुखी हासिल है बिना ब

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कोई जब प्यार मे धोखा खा जाए

5 मार्च 2018
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कोई जब प्यार मे धोखा खा जाए फिर क्या करें , जब आँखों मे लहू आ जाए दिल को फिर कीस तरह समझाए दिल के हिस्से मे जब बेवफाई का खंजर आ जाए टूट के फिर कोई बिखर जाए लब पे

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तलाश जारी है उन लोगो की जो खो गए है

16 मार्च 2018
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तलाश जारी है उन लोगो की जो खो गए है जिन्दगी के अन्धेरे रास्तो पे , मुझ से चल कर गए जो , मंजिलो के रास्तों पे लाऊ उनको अब ढूंढ के कहा से जो चले गए है इतनी दूर की

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मैं नादान था मोहब्त कर बैठा

21 मार्च 2018
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मैं नादान था मोहब्त कर बैठा वो समझदार था हमसे नफरत कर बैठा हमने उनको हमेशा पलकों पे रखा वो हमको नजरो से गिरा बैठा हाथ उसका मेरे हाथ मे तो पहले भी नहीं था ज्यूही फेरी उन्हो

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चाँदनी रात मे आना तुम

22 मार्च 2018
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आओ की फिर से तन्हा हु मैं मेरी रूह चली गई है मेरे जिस्म को छोड़कर चाँदनी रात मे आना तुम मेरी परछाई ओढ़ कर मुझको गमो ने मार ही डाला है तुम लाना मेरे लिए कोई खुशी खोजकर मैं इन तन्हा और अन्धेरे रास्तो पर पहले भी तो चलता था कोई न

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पानी ज्यादा और खून कम है

22 मार्च 2018
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आखिर ये केसा जीवन है जिसमे अन्धकार ज्यादा और प्रकाश कम है मेरा कलेजा चाक जिगर , आ देख ले झांक कर इधर पानी ज़्यादा और खून कम है मेरी मुस्कान पे मत जाओ दोस्त" मेरे पास गम ज्यादा और ख़ुशी कम है वो मेरे गले लग

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मैं धड़कन हू मुझे दिल मे अपने बन्द कर लो

29 मार्च 2018
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कौन तेरी मासूम नज़रो से गिरना चाहता है मैं आँसू हू मुझे पलकों मे बन्द कर लो अगर अपना समझती हो मुझको ,तो ख़ुद के इतना क़रीब रख लो मैं धड़कन हू , मुझे दिल मे अपने बन्द कर लो प्यार का ये अफ़साना आ

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दिल सलामत रहे बस यही दुआ करूँगा

12 अप्रैल 2018
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कभी किसी से ना मोहबत करूँगा दिल सलामत रहे बस यही दुआ करूँगा अपने होठो से ना तेरा नाम लूँगा जब भी आएगी तेरी याद अपनी परछाई से लिपट के रो लूंगा मैं क्यूँ मोहब्त पे इल्जाम लूँगा जब तलक जियूँगा तन्हा

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प्यार की बरसात शबनमी थी

12 अप्रैल 2018
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प्यार कि बरसात शबनमी थी कल रात बस तुम्हारी कमी थी प्यार कि बरसात शबनमी थी जिसमे भींग के भी हम प्यासे रहे कहा गया आखिर वो बरसा हुआ पानी जो देखा तो पाया कि आँखों

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दिल जब से टूट गया

19 जून 2018
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दिल जब से टूट गया हम पे से मोहब्त का सुरूर उतर गया दिल जब से टूट गया , लगता है यू चाँद के पास का सितारा टूट गया वो कल आए रास्ते मे नज़र, तो यू लगा ज़िन्दगी

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गाल तुम्हारा हो लाल जाएगा

25 अगस्त 2018
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फिर से तन्हाई हाथ आई

29 अगस्त 2018
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वक़्त तूने फिर वही कहानी दोहराई फिर से दिल टुटा फिर से आँख भर आई फिर से तन्हाई फिर से रुस्वाई , फिर से बेवफाई फिर से दिल तूने प्यार में चोट खाई कहा खो गई है मंज़िल

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दिल तो मेरा प्यासा है

29 अगस्त 2018
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मुझे अपनी मोहबत दे दो इतनी सी मुझ पे इनायत कर दो बरस रहा है सावन लेकिन दिल तो मेरा प्यासा है अपने प्यार कि मुझ पे बरसात कर दो खुद को भूल

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सारे दोस्त चले गए

29 अगस्त 2018
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हम तो खामखा हि ज़िन्दगी से छले गए मुझको मरा जान के सारे दोस्त चले गए दिल मेरा तोड़ के वो तो चले गए उनका क्या गया विकास'' हम तो प्यार मे छले गए हम तो खामखा

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उनकी जुल्फों का साया ढूँढता रहा

29 अगस्त 2018
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वो हसते रहे मैं रोता रहा प्यार मे उनका जुल्म बढ़ता रहा नफरत कि धुप से जला ये दिल उनकी जुल्फों का साया ढूंढता रहा इतना तन्हा हु मै आजकल खाली वक़्त में उनको याद करता रहा

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मै गिर चुकी एक ईमारत हु

31 अगस्त 2018
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मै दर्द मै लिपटी हुई इक रात हु आँखों से बरसती हुई बरसात हु मुझको गले से लगा लो आज अपने आप से बिछड़ी हुई रीत हु मेरा कोई नहीं तुम्हारे सीवा मै

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आ जाओ कन्हैया

2 सितम्बर 2018
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प्यारे कान्हा तुम्हे गोकुल कि छाछ बुलावे साबुत मटकी , गुलेल बुलावे गोप बुलावे , गोपिया बुलावे राधा का रास बुलावे आ जाओ कन्हैया हमारी मान मनुवार बुला

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दिन एक महान आ रहा है

3 सितम्बर 2018
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राधा का कृष्ण आ रहा है फिर जन्म का दिन आ रहा है मै हु तैयार , तुम भी तैयार रहो दिन एक महान आ रहा है हर हिन्दू , हर घर और हर मन्दिर के लिए प्यारा एक

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रूठा रूठा है साजन

4 सितम्बर 2018
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टुटा टुटा है बदन बुझा बुझा है मन जबकि आज सुलझी हुई है हर उलझन कतरा कतरा करके बहता है आँखों से समन्दर फिर भी होठो पे , सजी हुई है मुस्कान रूठा

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जरुरत खत्म होते हि

7 सितम्बर 2018
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जब उनको मेरी जरुरत होती है वो दिखा देते है की प्यार करते है जरुरत खत्म होते हि वो मेरे दिल को तोड़ देते है कभी इतना करीब रखते है कि सब दूरियाँ मिटा देते है जरुरत खत

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मै तेरे लिए खुद को

8 सितम्बर 2018
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तेरी जुस्तजू में मरने को जिन्दगी कहता हु तेरी आरजू मे जीने को बन्दगी कहता हु मै कल तक जियूँगा नहीं आज मे जीने को जिन्दगी कहता हु तुझ से बिछड़ के जीना , मेरा नसीब

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इश्क़ का रोग ना लगाना

20 सितम्बर 2018
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और सब कुछ लगाना इश्क़ का रोग ना लगाना केसर कस्तूरी है ये माया भूल के भी इसको अंग ना लगाना चाहे बनो चिराग चाहे बनो दीया कभी किसी के घर को आग ना लगाना ये जिस्म एक सफ़ेद

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मै खून में अपने नहाया हु

9 अक्टूबर 2018
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दिल तुम्हारा तोड़ के मै भी खूब रोया हु तुमने शायद आसू बहाए होंगे मै खून मे अपने नहाया हु मै जानता हु कि तुम फूलो से भी नाजुक हो मगर यकीन जानो दिल तुम्हारा तो

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स्त्री हठ कि धनी हो

31 जनवरी 2019
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छोड़ दो जिद अपनी बन जाएगी बात अपनी मानता हु कि तुम स्त्री हठ कि धनी हो मगर पत्थर कि तो नहीं बनी हो ममता और वात्सल्य तुम्हारे गहने है इनको पहन के हि तो तुम

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इन्तज़ार करता रहा

18 जून 2019
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मै बिना टिकट के सफर करता रहा स्टेशन पर टीटी मेरा इन्तज़ार करता रहा आसमान से गिरा हू तो ख़जूर में क्यू अटकू मै गिरा आम के बगीचे में , ख़जूर मेरा इन्तज़ार करता रहा दिले इश्क़ का मरीज़ हू तो आऊँगा जरूर , ये सो

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# मेरा ख्वाब

3 मई 2022
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अब्र था - सब्र था - पानी मे खिलता गुलाब थाउसकी झील सी आंखों में मेरा ख्वाब थानफा था - नुकसान था - मगर व्यापार बेहिसाब थारोज का खर्चा निकलता इसी से जनाब थाबुखार था - जुखाम था - कोरोना का कह

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