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ये ही है वो संगीत

22 फरवरी 2018

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मेरे मन को झंकृत कर दे ,

आज लिखू मै ऐसा गीत |

फिर गाकर जिसको मेरा मन कहे ,

ये ही है वो संगीत |

पीने वाले रस को पीकर ,

न हो कभी भी भयभीत |

तभी मेरा मन कहे मुझसे ,

ये ही है वो संगीत |

और गाकर जिसको बंध जाये ,

मुझसे मेरा मनमीत |

क्यों न गाउ मै आज कोई ,

ऐसा संगीत |

नदिओं के बहती धारा के ,

कल - कल मै छिपा है एक संगीत |

जो किसी नई नवेली दुल्हन के ,

मन को दे नवगीत |

इस कविता को पढ़ने का तभी है मज़ा ,

जब तक की न मिले मुझे तेरी रज़ा |

आज एक भारतीय संगीत समारोह को देखकर ये कविता स्वयं ही बन गई |

' नीरज अग्रहरि '


Anil Tuli

Anil Tuli

कविता अच्छी है।

25 फरवरी 2018

पंकज कुमार

पंकज कुमार

अच्छी कविता है पर थोड़ा और बढ़िया तरीके से लिखो तो और मजा जाए

23 फरवरी 2018

रवि कुमार

रवि कुमार

वाह , बहुत खूब

23 फरवरी 2018

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रचनाएँ
professorsab
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नमस्कार दोस्तों ! मेरा यह लेखनी उन सभी युवाओ को समर्पित है जो मेरी तरह इस आधुनिक युग मै अपनी भावनाओ को उकेरना चाहते है |
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ये जीवन आखिर क्या है ?

9 फरवरी 2018
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जीवन के सन्दर्भ में एक सुन्दर कविता ये जीवन आखिर क्या है ? इक सुन्दर कली या , इक सूखा कांटा |इक महकती बागवानी या ,इक गन्दा नाला | इक जवान सुन्दर युवती या ,इक कुपोषण का शिकार वृद्ध | इक उजड़ा हुआ घर या , इक जीवन समृद्ध |

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यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर का मायाजाल !!!!!!!

10 फरवरी 2018
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ये सेमेस्टर का भी मायाजाल कम नहीं है , मिड गया तो फाइनल , फाइनल गया तो मिड आखिर ज़िंदगी क्या ये मिड और फाइनल मै ही सिमट कर रह गया है ? कभी कभी तो लगता है सब कुछ छोड़ छाड़ कर वही अपनी पुरानी स्कूल लाइफ को जीने लगूँ | जहा ना प्र

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यूनिवर्सिटी में वैलेंटाइन का ख़ुमार !!!

11 फरवरी 2018
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छूकर उसकी खुश्बू मेरे मन को ,पागल कर गई आज |पर मै भी पगला बेवजह ताकता रहा ,और हो गई सांझ |मन ने कहा नहीं आएगी वो आज ,पर दिल भी कहा आने वाला था बाज़ | कहा वो आएगी ज़रूर ,चाहे उसे छोड़ना पड़े काम और काज | सेमेस्टर का एग्जाम खत्म हो जाय

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जब करने लगे दाँत दर्द !!!

12 फरवरी 2018
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जब करने लगे दांत दर्द ,और बहने लगे हवा सर्द | जब सोना पड़े चटाई पर ,और रोना पड़े पढाई पर | जीवन हो जाये भागम भाग ,और एग्जाम भी आ जाये एकदम पास | जब मैगी पर रहना हो ज़िंदा ,तो नीरज भइया कैसे रहे चंगा | जब सारी दूध पी जाये बिल्ली ,और दोस

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ये ही है वो संगीत

22 फरवरी 2018
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मेरे मन को झंकृत कर दे ,आज लिखू मै ऐसा गीत | फिर गाकर जिसको मेरा मन कहे ,ये ही है वो संगीत | पीने वाले रस को पीकर ,न हो कभी भी भयभीत | तभी मेरा मन कहे मुझसे ,ये ही है वो संगीत | और गाकर जिसको बंध जाये ,मुझसे मेरा मनमीत |

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इस्लाम धर्म की पुनर्परिभाषा : आज के समय की माँग

3 मार्च 2018
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आज विश्व तेजी से बदल रहा है और साथ ही जनसँख्या भी तेज़ी से बढ़ रही है, भारत पर भी इसका असर पड़ रहा है | आज की नया पीढ़ी पुरानी रूढ़िवादी मान्यताओं को तेजी से खत्म कर एक नए समाज का निर्माण कर रही है | आज के उदारवादी माहौल मै कट्टरवादी विचारधारा को किसी भी हाल मै बर्द

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आखिर कौन हूँ मै ? कोई बताओ

8 मार्च 2018
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कभी एक कवि ,तो कभी सिर्फ एक गुमनाम छवि हूँ मै | कभी एक अँधेरी रात ,तो कभी एक भयंकर बरसात हूँ मैं | कभी एक प्यारी मुस्कुराती शायरी ,तो कभी एक गुमनाम डायरी हूँ मैं |

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कैसे पास करें UPCATET की परीक्षा ......

14 मई 2018
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UPCATET की तैयारी जोरों शोरो पर | परीक्षा देने जाने से पूर्व इन बातों का रखे ख्याल ....1. इस बार UPCATET का परीक्षा नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या करा रही है | 2. लड़के फुल स्

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गांव की यात्रा पर कुछ लम्हें ||

20 मई 2018
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मैंने साईकिल उठाई और चल दिया रोज़ रोज़ की ज़िंदगी की वही पुनर्वित्तीयो से तंग आकर आज मन कुछ नया करने को कहा सो मैंने अपना कैमरा , साइकिल व अपनी डायरी उठाई और चल दिया अनजान राहो पर | अपने यूनिवर्सिटी से मै यही कोई 1.5 किमी दूर आया था की सामन

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एक इश्क़ जो अभी हुआ नहीं ||

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'' एक सूरज जो अभी ऊगा नहीं , एक चंदा जो अभी डूबा नहीं | एक कुसुम जो अभी खिला नहीं , एक भौंरा जो अभी पराग चुना नहीं | एक मशाल जो अभी जला नहीं , एक मिशाल जो अभी बना नहीं | एक इश्क़ जो अभी हुआ नहीं

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अच्छा लगता है।

29 अप्रैल 2019
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मुझे नींद की तलब नहीं, पर रातों को जागना अच्छा लगता है। मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं, पर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है। जाने मुझे हक है या नहीं, पर उसकी परवाह करना अच्छा लगता है। उसे प्यार करना सही है या नहीं, पर इस एहसास में जीना अच्छा लगता है। कभी हम साथ होंगे या नहीं, पर य

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