अब तर्के ताआलुक पर हम दोनों है आमादा
वह हमसे न बोलेंगे हम उनको भुला बैठे
गर आपकी नीदों के सपने जो मिल जाये
हम जागती आँखों में सपने को सजा बैठे
हम कुछ भी नही उनके कहते है तो कहने दो
पाएंगे हमी को ओ दिल जा भी लगा बैठे
तुझे याद न आये तो तन्हाई में रोलेंगे
गम तेरी जुदाई का हम दिल से लगा बैठे
Rj Ali Hashmi