खुद को मैं बदनाम क्यों करू
मुहब्बत किया है तो नाम क्यों करू
उन्हें करना है मुझे बदनाम तो करे शौक से
मैं अपनी मुहब्बत को नीलाम क्यों करू
गर करना है नीलाम तो करने दो उन्हें
फिर प्यार का मैं इजहार क्यों करू
जानता हूँ उन्हें भी मुहब्ब्त है मुझसे
मैं अपनी मुहब्बत को सरेआम क्यों करू
Rj Ali Hashmi