वह हमसे न जाने क्यों रूठ बैठे है
मुझे पता है की वह हमको भुलाये बैठे है
गुजारी साथ हमने जो कुछ लम्हे
उन लम्हो को भी भुलाये बैठे है
मुझे लगा की आएंगे लौट कर के वह
हमारे घर का वह रास्ता भुलाये बैठे है
वह देखते थे जो दिन रात मुझको सपनो मे
उन सपनो को भी कैसे भुलाये बैठे है
Rj Ali Hashmi