" मुक्तक"
पारिजात उपवन छटा शम्भू के कैलाश।
पार्वती की साधना पुष्पित अमर निवास।
महादेव के नगर में अतिशय मोहक फूल-
रूप रंग महिमामयी महके शिखर सुवास।।-१
हिमगिरि सुंदर छावनी देवों का संसार।
कल्पतरु का बाग जहाँ फल फूले साकार।
जटा छटा शिर चाँदनी पहिने शिव मृगछाल-
नयन रम्यता शिवपुरी स्वर्गापति साकार।।
महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी