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एकता एक शक्ति

5 मई 2018

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एकता एक शक्ति

निरंतर परिवर्तन सर पे आज मंतर,

भूख की तलब से रखते आज अंतर,

इस भीड़ में झाँकते गहराइयों में,

दफने आज,सपने खास,पास की बुराइयों में,

अग्रगामी जो सुनामी, बातें जो सुनानी,

धर्म को जो आज बांटते,

मुक्की उनको खानी,

ये बतानी बातें,दो चार हैं,

पर इसकी कोई वजह नहीं,

समझदार के लिए इशारा बस ही काफी,

अब आप समझदार हैं,या हैं वो विनाशी,

जो धर्म को बांटकर बनते हैं पापी,

इंसान हो इंसानियत रखो,

धर्म की तुलना खुद से न करो!

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आतंक की बात न करो,

आतंकवाद न गढ़ो,

रूढिवादियाँ छोड़ देश समाज के हित में जनहित जारी करो,

आपस में न लड़ो भाईचारा फैलाओ,

धर्म को न आपस में न बटवाओं ,

एकता बनाओ,

इंसानियत बनाओ,

देश बढ़ाओ और प्यार फैलाओ!!

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प्रकृति एक भविष्य

3 मई 2018
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प्रकृति एक भविष्य आशमाँ की छोर में, फैले जैसे आंधी,तूफान मचती जाये, जैसे दीप को बुझाती, पल दो पल में हो रही है ,काफी बर्बादी ,चारो ओर अँधेरा घोर ,फैला ये आबादी,ये मानवो की देन है ,और मानवो का अंत ,भविष्य की तू चिंता कर, क्या लेगा कोई

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एकता एक शक्ति

5 मई 2018
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एकता एक शक्ति निरंतर परिवर्तन सर पे आज मंतर,भूख की तलब से रखते आज अंतर,इस भीड़ में झाँकते गहराइयों में,दफने आज,सपने खास,पास की बुराइयों में,अग्रगामी जो सुनामी, बातें जो सुनानी, धर्म को जो आज बांटते,मुक्की उनको खानी,ये बतानी बातें,दो चा

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सफलता का मोल

6 मई 2018
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सफलता का मोलजब भी मैं हारकर निराश हो जाता,मेरी कमियां भी पूछे मुझसे,तू यह क्यों नहीं कर पाता,रूठकर खुद से मैं ,यूँ बैठ जाता,दोष खुद को नहीं,मैं किश्मत को लगाता,कर पाने की चाह है,तू कर ले पर आत्मविश्वास क

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EK AWAJ (एक आवाज) | The voice of all rape victims

17 दिसम्बर 2019
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एक आवाजवो जान सी अनजान,वो रोती रही आज,वो मांगे कई माफ़ी,वो लड़ती रही आज,हर इक साँस,कस्ती हुयी,आँखे बंद,ढलती हुयी,पर न ख़तम हुयी आस,वो न शांत,हर इक जान की आवाज,वो भी कह रही आज,

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