जाने कब देखते ही देखते बिटिया बड़ी हो गई।
मेरी सोच से बढ़कर उम्मीदों से ज्यादा सोचने लगे गई।
पाप यूं देर रात तक जाग कर काम करने से आपका दर्द बढ़ जाएगा ,
ज्यादा चाय से आपका बीपी बढ़ जाएगा की नसीहत करती ,
मां जैसी वात्सल्यमयी हो गई।
देखते ही देखते बिटिया बड़ी हो गई।
घर को संवारने लगी छोटे भाई को दुलारने लगी अब भाई से लड़ाई बन्द हो गई,
जाने कब देखते ही देखते बिटिया बड़ी हो गई।
सीखने लगी थोड़ा सिलाई बुनाई।
अब रसोई में भी काम करने लगी,
रोज़ नए पकवान बनाकर खिलाने लगी ,
देखते ही देखते बिटिया सयानी लगने लगी।
जाना है उसे किसी और घर संवारना है कोई ओर आंगन उसके दुलार उसके प्यार की जुड़े आंखें भिगोने लगी ।
बिटिया के सयाने होने पर एक अलग ही चिंता होने लगी।
देखते ही देखते बिटिया सयानी लगने लगी।
hitesh bhardwaj
16 मई 2018Kitna Accha likha h aapne baht sundar lines h such Betiya apne papa ji Haan hoti