पीटीआई- भाषा संवाददाता 14:47 हरष ईस्ट
नयी दिल्ली , 16 मई ( भाषा ) विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ ) ने आम रोगों और वैश्चिक प्राथमिकता वाले रोगों के निदान के लिए आवश्यक परीक्षणों की एक सूची ‘ आवश्यक निदान सूची ’ ( एसेन्शियल डायग्नोस्टिक लिस्ट ) प्रकाशित की है। यह डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई इस तरह की पहली सूची है।
लोगों तक निदान सेवाओं की पहुंच नहीं होना एक समस्या है जिसके कारण उन्हें सही उपचार नहीं मिल पाता। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए यह कदम उठाया गया है।
डब्ल्यूएचओ के महानि देश क टी ए घेब्रेयेसस ने कहा, ‘‘ सही निदान प्रभावी उपचार की दिशा में पहला कदम है। निदान सेवाओं की कमी या सही परीक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण किसी की मौत नहीं होनी चाहिए।’’
विश्व निकाय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 46 फीसदी वयस्क लोगों के रोग का निदान नहीं हो पाता। इस स्थिति में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जटिलताओं का खतरा रहता है और उन्हें सेहत पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है।
इसमें कहा गया कि एचआईवी और टीबी जैसे संक्रामक रोगों का विलंब से निदान होने से इन रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है और उनका उपचार कठिन हो जाता है।
आवश्यक निदान परीक्षण में रक्त और मूत्र परीक्षण समेत 58 परीक्षण शामिल हैं। अन्य 55 परीक्षणों में एचआईवी, टीबी, मलेरिया, हेपेटाइटिस बी और सी आदि का पता लगाने और जांच करने को शामिल किया गया है।
आवश्यक निदान परीक्षण सूची में रक्त जांच और मूत्र परीक्षण आदि पर जोर दिया गया है।