पीटीआई- भाषा संवाददाता 20:33 HRS IST
नयी दिल्ली , 17 मई ( भाषा ) केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अगले हफ्ते ‘ बस्तरिया ’ बटालियन ( सीआरपीएफ ) शुरू करेंगे जिसमें छत्तीसगढ़ के 540 आदिवासी युवाओं को शामिल किया गया है। इस तरह की बटालियन का पहली बार गठन किया गया है।
सिंह 21 मई को राज्य के अंबिकापुर शहर में सीआरपीएफ के प्रशिक्षण केंद्र में 543 युवा रंगरूटों की पासिंग आउट परेड में शामिल होंगे। इन रंगरूटों में 189 महिलाएं हैं।
बटालियन को सुकमा , दंतेवाड़ा और बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में तत्काल नक्सल रोधी अभियानों में शामिल किया जाएगा।
इन रंगरूटों का चयन अविभाजित बक्सर क्षेत्र के सुकमा , दंतेवाड़ा , नारायणपुर और बीजापुर जिलों से किया गया है।
एक अधिकारी ने नाम सार्वजनिक ना करने के अनुरोध के साथ बताया कि बटालियन का नाम ‘ बस्तरिया ’ इसलिए रखा गया क्योंकि उसके सदस्य बस्तर क्षेत्र के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि 21 मई को बटालियन के सदस्यों को कांस्टेबल रैंक मिल जाएगा और वे नियमित सुरक्षा बल कर्मियों की तरह नक्सलियों से लोहा लेंगे।
अधिकारी ने बताया कि रंगरूट करीब एक साल से जंगल में युद्ध कला , हथियार प्रशिक्षण, नक्शे पढ़ने , पुलिस कानूनों एवं शस्त्रहीन लड़ाई का प्रशिक्षण ले रहे थे।
बटालियन में कुल 743 कर्मी होंगे और उसमें कुछ युवा लेकिन नियमित लड़ाकू बल कर्मी तथा अधिकारी भी शामिल होंगे ताकि युवा खून और अनुभव दोनों ही उसका हिस्सा हों।
गृह मंत्री पासिंग आउट परेड में शामिल होने के बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नक्सल समीक्षा बैठक करेंगे और उसके बाद दिल्ली लौट आएंगे।
केंद्र ने पिछले साल जुलाई में बटालियन शुरू करने को मंजूरी दी थी। बटालियन के गठन का मकसद बेरोजगारी जैसे स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना , अभियानों , खुफिया जानकारी जुटाने और भाषा संबंधी लाभ के संबंध में सीआरपीएफ को रणनीतिक बढ़त देना है।