पीटीआई- भाषा संवाददाता 12:33 हरष ईस्ट
नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) कर्नाटक विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर भाजपा विधायक के जी बोपैया की नियुक्ति के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को चुनौती देने वाली कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन (चुनाव पश्चात) की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में आज अहम सुनवाई शुरू हुई।
कर्नाटक विधानसभा में आज शक्ति परीक्षण में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को बहुमत साबित करना है। विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष के जी बोपैया इसका संचालन करेंगे।
कर्नाटक चुनाव के बाद हुए राजनीति क घटनाक्रम को लेकर न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ के समक्ष सुनवाई सुबह करीब साढ़े दस बजे शुरू हुई।
कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन (चुनाव पश्चात) की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें शुरू करते हुए कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ विधायक को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त करने के मामले में राज्यपाल के पास बेहद सीमित विवेकाधिकार होता है और ‘‘अगर अस्थायी अध्यक्ष को सिर्फ विधायकों को शपथ दिलानी होती तो हमें कोई आपत्ति नहीं होती, समस्या यह है कि वही शक्ति परीक्षण का संचालन करेंगे।’’
वरिष्ठ वकील ने कहा कि राष्ट्रमंडल देश ों में अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर सबसे वरिष्ठ सांसद की नियुक्ति की परंपरा रही है।
हालांकि पीठ ने इसके जवाब में कहा, ‘‘ऐसे कई उदाहरण रहे हैं जहां सबसे वरिष्ठ सांसद को अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर नहीं नियुक्त किया गया।’’
पीठ ने कहा, ‘‘अगर आप (सिब्बल) अस्थायी अध्यक्ष पर उंगली उठा रहे हैं तो हमें उन्हें नोटिस जारी करना होगा और शक्ति परीक्षण रद्द करना होगा।’’
सुनवाई अभी जारी है।