पीटीआई- भाषा संवाददाता 12:48 हरष ईस्ट
बेंगलुरु , 19 मई ( भाषा ) कर्नाटक विधानसभा में आज तीन दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार को शक्ति परीक्षण से गुजरना है और इसमें संख्या बल का काफी महत्व है।
भाजपा सरकार के भाग्य का फैसला करने वाला यह शक्ति परीक्षण आज शाम चार बजे होगा। उच्चतम न्यायालय ने एक आ देश जारी कर राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा येदियुरप्पा को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए दिए 15 दिन के समय को सीमित कर दिया था।
भाजपा के विधायक के जी बोपैया को शक्तिपरीक्षण कराने के लिए अस्थायी अध्यक्ष बनाने के राज्यपाल के फैसले को कांग्रेस और जद ( एस ) ने संयुक्त रूप से उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसकी सुनवाई न्यायालय ने आज सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू की।
कांग्रेस और जद ( एस ) ने अपनी याचिका में कहा था कि के जी बोपैया को अस्थायी अध्यक्ष बनाने वाला निर्णय ऐसे मौकों पर सबसे वरिष्ठ विधायक को नियुक्त करने की परंपरा के खिलाफ है।
चार बार विधायक रह चुके बोपैया कर्नाटक विधानसभा में 2009 से 2013 तक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और उस दौरान 2010 में उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव से पहले 16 विधायकों को अयोग्य करार देकर येदियुरप्पा की सरकार को गिरने से बचा लिया था।
भाजपा के द्वारा कथित खरीद - फरोख्त के डर से हैदराबाद के एक होटल में ठहरे हुए कांग्रेस और जद ( एस ) के विधायक आज सुबह शहर लौट आए।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने शक्ति परीक्षण का संचालन सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए विधान सौंध के भीतर और इसके आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
विधानसौंध की तरफ लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है। सचिवालय के अधिकारियों और कर्मियों को जांच से गुजरने के बाद ही परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है।
कर्नाटक की 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीट पर चुनाव कराया गया था। इस चुनाव परिणाम में भाजपा 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन बहुमत के लिए जरूरी 111 की संख्या से वह पीछे रह गई थी। कांग्रेस को यहां 78 सीटों पर जीत मिली जबकि जद ( से ) को 37 सीटों पर जीत मिली। परिणाम आने के साथ ही कांग्रेस और जद(से) गठबंधन बना लिया था और 117 सीटें होने का दावा किया था। इन विधायकों में बसपा और केपीजेपी के एक - एक विधायक हैं तथा एक निर्दलीय विधायक भी इसमें शामिल हैं।
चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद 17 मई को येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। इस कदम को कांग्रेस और जद ( एस ) ने उच्चतमय न्यायालय में चुनौती दी। इस याचिका पर अंतरिम आदेश देते हुए न्यायालय ने कल निर्देश दिया कि आज शक्ति परीक्षण कराया जाए।