नारी सौंदर्य की बातें तो अक्सर होती हैं लेकिन पुरुष भी सौंदर्य के पृष्ठ पर पीछे क्यों रहें. वास्तव में कौन है जो सुन्दर नहीं दिखना चाहता ! अगर आप ये सोच रहे हैं कि हम आपको नीबू, शहद, संतरे के छिलके या गुलाबजल वगैरह के प्रयोग बताने जा रहे हैं, तो इस लेख में आपके मन का शायद कुछ न मिले. आपने ये तो सुना ही होगा कि सुन्दर वो, जो सुन्दर काम करे. हम आपके साथ ऐसी ही कुछ बातें साझा करने जा रहे हैं.
पहले तो आपसे एक सार्वभौमिक सत्य साझा कर लें कि मनुष्य को ईश्वर की सुन्दरतम रचना कहा गया है. हम तो व्यर्थ ही मन को छोटी-छोटी बातों में उलझा लेते हैं, जैसे-'क्या करूँ, मेरी हाइट अच्छी नहीं है...मेरा कॉम्प्लेक्शन डार्क है...या मेरा वज़न ज़्यादा है. कुछ और नहीं तो अपनी ही आँखें, नाक, कान, होंठ, रंग और रूप पर आकर अटक जाते हैं. हो सकता है किसी ब्यूटी-कांटेस्ट में इन छोटी-छोटी खामियों की वजह से हम कोई ख़िताब न जीत पाएं, लेकिन ज़िंदगी की प्रतियोगिता में इन चीज़ों के बहुत मायने नहीं होते.
दुनिया में कितने ही लोग ऐसी तमाम खामियों के साथ जीवन के रंगमंच पर अहम भूमिकाएं निभा रहे हैं. ज़रा पूछिए उनके बच्चों से कि आपके पापा कैसे हैं. यक़ीनन आपको जवाब यही मिलेगा कि 'मेरे पापा बहुत अच्छे हैं.' ऐसा नहीं है कि बच्चे 'हैंडसम' और 'होमली' का फर्क नहीं समझते या वो हमें 'फ़्लर्ट' करते हैं. वास्तव में एक तस्वीर वो है जिसे हम अचानक देखकर अच्छे-बुरे का विश्लेषण करके अपने मष्तिष्क में बसाते हैं, और दूसरी वो जो हमारे कार्यों के माध्यम से दृष्टा के मन में उभरती है और मष्तिष्क-पटल पर दर्ज हो जाती है. अचानक बनने वाली तस्वीरें, अचानक धुंधला भी जाती हैं, लेकिन हमारे कार्यों के माध्यम से बनी तस्वीरें अमिट होती हैं.
पुरुष के सुन्दर दिखाई देने के थोड़े अलग आधार हैं. कृत्रिमता पुरुषों पर ज़्यादा नहीं फबती. पुरुष प्राकृतिक रूप में अधिक सुन्दर दिखाई देते हैं. चेहरा आपकी सोच, आपकी विचार शैली का आइना होता है, इसलिए आपके भीतर चल रहे सुन्दर विचार आपको निश्चित रूप से सुंदरता प्रदान करते हैं. आपकी बातचीत, आपका व्यवहार, आपका उठना-बैठना, चलना-फिरना, दृष्टा के मन में आपके बारे में तमाम चित्र अंकित कर देता है. उम्र, आदमी को उतना उम्रदराज़ नहीं करती, जितना उसकी सोच उसे प्रभावित करती है.
अच्छी शिक्षा, संस्कार, अच्छा स्वास्थ्य, आपकी विश्वासपात्रता, कुछ ऐसे तत्त्व हैं जो आपको ऐसी सुंदरता प्रदान करते हैं जिसे किसी साधन और सौंदर्य-प्रसाधन के माध्यम से अर्जित नहीं किया जा सकता. पुरुष हैं तो पुरुषोचित गुणों को भी धारण करें, देखें, कोई आपको 'हैंडसम' कहके कैसे नहीं पुकारता !
-ओम