@@@@@@बीज नेकी के बोना सीख@@@@@@
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केवल अच्छे कर्म कर तू ,हर हाल में खुश होना सीख |
कुछ अच्छा पाने के खातिर, कुछ पल्ले से खोना सीख ||
खुशियाँ बाँट सको तो बांटो ,पर अकेले में तू रोना सीख |
नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख ||
कोशिश की तूने खुश करने की,इतने से ही खुश होना सीख |
सराहनीय काम कर तू केवल,सराहना की तू माँग न भीख ||
नहीं बोझ तू बन दूजे पर , अपना बोझ खुद ढोना सीख |
नहीं परिणाम की चिंता कर तू , बीज नेकी के बोना सीख ||
जो करता है प्यार तुम्हीं से,उसे प्यार तू करना सीख |
जो मरता केवल तेरे पर , तू भी उस पे मरना सीख ||
बद कर्म की गन्दगी को , नेकी से तू धोना सीख |
नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख ||
अगर ख़ुशी मिली किसी से,तो धन्यवाद तू कहना सीख |
नहीं बनना कुँए का मेढक, नदी की भान्ति बहना सीख ||
धत कर्म से दूर रह कर , सुख की नींद तू सोना सीख |
नहीं परिणाम की चिंता कर तू,बीज नेकी के बोना सीख ||
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