अगर लोग अंग्रेज़ी पढ़ते हैं तो व्यापारी बुद्धि से और तथाकथित राजनीतिज्ञ फ़ायदे के लिए ही पढ़ते हैं. हमारे विद्यार्थी ऐसा मानने लगे हैं कि अंग्रेज़ी के बिना उन्हें सरकारी नौकरी हरगिज़ नहीं मिल सकती. लड़कियों को तो इसलिए अंग्रेज़ी पढ़ाई जाती है कि उनको अच्छा वर मिल जाएगा. मैं इसकी कई मिसालें जानता हूँ. मैंने ऐसे कितने ही पति देखे हैं जिनकी स्त्री उनके साथ या उनके दोस्तों के साथ अंग्रेज़ी में न बोल सके तो उन्हें दुःख होता है. मैं ऐसे कुटुम्ब को भी जानता हूँ जिनमें अंग्रेज़ी भाषा को अपनी ज़ुबान बना लिया गया है. इस बुराई ने समाज में इतना घर कर लिया है, मानो शिक्षा का अर्थ अंग्रेज़ी भाषा के ज्ञान के सिवाय और कुछ है ही नहीं. मेरे विचार में तो यह सब हमारी ग़ुलामी और गिरावट की साफ़ निशानी है.
-राष्ट्रपिता महात्मा गांधी
शब्दनगरी संगठन
06 अप्रैल 2015विजय जी,
अनेक धन्यवाद !