व्यस्त जीवन शैली में योग को अंग बनाईये,
स्पर्धा भरे माहौल में चरम संतोष पाईये,
निराशा ढकेल,सकारात्मक सोच का संचार कराता,
उत्साह का सम्बर्धन कर व्यक्तित्व व सेहत बनाता,
स्नान आदि से निवृत हो, ढीले वस्त्र धारण कर कीजिए योगासन,
वर्ज आसन को छोड़ ,खाली पेट कीजिए सब आसन,
मन्त्र योग,हठ योग,ली योग,राज योग इसके हैं प्रकार,
वाचिक,मानसिक,उपांशु,अणिमा मन्त्र जाप के हैं प्रकार,
मन की चंचलता दूर भगाता मन्त्र योग,
सूर्य चन्द्र की समान अवस्था हैं हथ योग,
शरीर की सशस्त्र नाड़ियों में तीन हैं विशेष नाडी,
पिंगला,इडा दोनों के बीच हैं सुषमना नाडी,
योगो उपनिषद में हठयोग के हैं आठ अंग,
यम,नियम,प्राणायाम.ध्यान,
धारणा,समाधि,प्रत्याहार,आसन.
चित्त को ब्रह्मलीन,स्वप्न विलीन करता लय योग,
योगो में सभी का राजा कहलाता राज योग,
चित्त प्रसन्नता से भर ज्ञान प्रकाश फैलाता,
विवेक ख्याति प्राप्त कर,क्लेशों को भगता,
चार के अलावा दो और होते योग,
सांख्य योग से सम्बन्ध रखने वाला ज्ञान योग,
व्यायाम,आसन,कर्म शामिल हैं योग में,
कुशल योग निर्देशक का जरूरी हैं योग में,
योगासन में सर्वोच्च क्रिया हैं सूर्य नमस्कार नमन,
पंच तत्व निर्मित तन में,स्नायु ग्रन्थि का रखता संतुलन,
शरुआती होती पीड़ा को अंग संचालन से भगाता,
सशक्त पेशी बना कर,तन की दुर्बलता मिटाता,
कल-कल करती जिन्दगी में अशांत ढोकर खाता इन्सान,
स्वस्थ,मन स्थिरता,संधि वात से छुटकारा पाने कीजिए पद्मासन,
दिनरात की व्यस्तता से होती शारीरिक अकदन,
रक्त संचार ठीक रखा,पेशी मजबूत बनाता पाद हस्त आसन,
योग की महत्वपूर्ण कड़ी हैं,प्राणायाम जो अवसाद मिटाता,
पाचन तन्त्र ठीक कर मेरूदंड लचीला बनाता,
भागमभाग दौड़ती दुनियां में मिलता दबाव होती थकान,
श्वास नाडी सामान्य कर ,तनमन को विश्राम देता श्वासन,
मशीनरी की दुनियां में बैठे-बैठे आलस्य बढ़ाता मोटापा,
कपाल भांति प्रक्रिया,पेट की चर्बी घटाता,
तनाव से मुक्ति दिलाता,योग मुद्रा,श्वसन,ध्यान,
रक्त संचार सुचारू हो,गायब हो सर दर्द थकान,
आत्मा का शोधन कर,मन मस्तिष्क को शांति मिलती,
कमनीय ,लावण्य,सुडोल नारी बनने की औषधि होती,
सदैवेै युवा दिखने का रामवन हैं योग,
स्वस्थ शरीर रखनेका सशक्त मार्ग हैं योग,
चिकित्सा विज्ञानं ने स्वीकार कर,घर-घर योग पहुंचाया,
'२१ जून'योग दिवस,रामदेव के अथक प्रयास में कहलाया.