''माँ मैं कौन सी पोशाक पहनूं ?'' चिया ने चहकते हुए माँ से पूछा तो माँ ने उदासीन भाव से कहा -'' कुछ भी जो शालीन हो वो पहन लो . चिया ने आर्टिफिशल ज्वेलरी दिखाते हुए माँ से पूछा -'' माँ ये माला का सैट कैसा लगेगा मुझ पर ? माँ ने उड़ती-उड़ती नज़र चिया की ज्वेलरी पर डाली और सुस्त से स्वर में बोली -'' हां...............ठीक-ठाक ही है .'' चिया ने अपने लम्बे नाख़ून जो नेल पॉलिश से सजाये थे माँ की ओर करते हुए कहा - माँ देखो ना कैसे लग रहे हैं !'' माँ ने उखड़ते हुए कहा -'' क्या चिया ...कब से दिमाग खाए जा रही है ....पोशाक , ज्वैलरी ,नाखून ...बेटा एक बार कोर्स की किताबे भी देख ले ...कॉलेज जाना है तुझे कहीं शादी -ब्याह में नहीं ..समझी !'' चिया ने माँ की ओर चिढ़ते हुए देखा और आईने के सामने के खड़ी होकर बाल संवारने लगी .
शिखा कौशिक 'नूतन '
शालिनी कौशिक एडवोकेट
17 अप्रैल 2015बहुत बड़ा यथार्थ लिख दिया शिखा जी .मिलती हैं ऐसी लड़कियां बसो में आते-जाते लगता ही नहीं कि कॉलेज जा रही हैं ऐसा ही लगता है जैसे फैशन परेड में शामिल होने जा रही हैं .