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पॉलिटिक्स

10 जुलाई 2018

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politics, Hindi में बोले तो राजनीती एक ऐसा शब्द जिससे हर कोई दूर भागता है.कोई भी शिक्षित युवा इस क्षैत्र में नहीं आना चाहता. किन्तु एक अलग दृष्टीकोण से देखे तो यह एक उज्जवल भविष्य का लो - इन्वेस्टमेंट,शार्ट कट है .जहा कोई योग्यता ,कोई certificate ,कोई डिग्री नहीं चाहिए.

"बन के एक हादसा बाजार में आ जायेगा,जो Nahi होगा वो मीडिया में आ जाएगा.चोर गुंडों की करो कद्र ,मालूम नहीं कौन कब,किसकी सरकार में आ जायेगा "

किसी भी नेता के अंदर झाँक कर देखिये आपको सभी कौवे काले ही दिखेंगे.हा फर्क बस इतना है की जिस कौवे का पक्ष जितनी जोर से का -का कर लोगो को अपनी और आकर्षित कर ले वह उतना ही श्रेष्ट केहलाता है .इस हमाम में सभी नंगे है .सभी बस 'बांटो , उल्लू बनाओ और खाओ की नीति पर चलते है.

इन सभी पक्षों पर गौर किआ जाये तो नेता का प्रोफेशन किसी भी अन्य Carrer option के तुलना कुछ नहीं मांगता .'बस जितना गिरते जाओ ऊपर उठते जाओ.

इसलिए मै तो इस देश की युवा आबादी को सब मोह माया त्याग कर अर्जुन की तरह नेतागिरी नाम की मछली पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह देते हुए यही कहना चाहुगी आओ, खेलो खाओ और भारत ज़िंदाबाद के नारे टीवी पर लगाओ. मै स्वयं स्वप्न में भी दिन - रात भगवान से यही प्रार्थना करती हु.


हे प्रभु एक पार्टी टिकट दिला दे,मै भी नेता बन जाऊ देश का सारा रुपया पैसा लूट कर अपने घर भर ले जाऊ तिरंगा एक सजाकर दफ्तर बड़ा बनाऊ, टीवी चैनल पर बड़ी बहस में देश-देश चिल्लाऊं , रिश्वत की बहती गंगा में डुबकी रोज़ लगाऊ, लाल बत्ती गाडी में घुमु,मुफ़्त में विदेश जाऊ,रेप मर्डर होने पर मगरमच्छ के आँसू बहाकर मीडिया में छा जाऊ, संसद में कागज़,कुर्सी फेंकू ,मेज पर चढ़कर चिल्लाऊं, कश्मीर का राग आलाप कर शहीदों के परिवारों के साथ फोटो चंद खिचाऊ,देश के कुल राज्यों की गिनती भी न कर पाऊ,पर मैं ही सच्चा देशभक्त हू यह साबित करने धरने अनशन पर बैठ जाऊ, पुलिस वालो को अकड़ दिखाऊ और V.I.P सुविधाओँ संग जेल जाऊ, बस एक बार जिता दे प्रभु, सात पीढ़ी तर जाऊ, इतनी सी अरज़ सुन ले मेरी मै भी नेता बन जाऊ.

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