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एक भ्रूण की पुकार

13 जुलाई 2018

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🎎 जीने दो मुझको जीवन ये

आने दो मुझको दुनियाँ में

सुन्दर हैं धरा, आकाश फिजा

भरने दो इसमे रंग मेरे 🎎

🎎 हम नन्ही- नन्ही कलियों को

खिलने से पहले ना नष्ट करो

नष्ट कर दिया तो फिर क्यों

आशा फूलो की करते हो 🎎

🎎 इस सात रंग की दुनियाँ के

मेरे इन्द्रधनुष से हैं सपने

कुछ और ना चाहत हैं तुमसे

मेरी सांसे मत छीनो मुझसे🎎

🎎 कई बार करी कोशिश मैने

हर बार ही मैं ठुकराई गयी

कभी नालो में, कभी झाडी में

कभी कचरे में भी डाली गयी🎎

🎎 मुझ में भी तो जान बसी मैं

भी तो सांसे लेती हूँ

तेरी खुशियों मे ,मैं हँसती

तेरे आँसू पर में रोती हूँ 🎎

🎎 मुझ में भी तो हैं अंश तेरा

,तेरे बीज से ही उग आयी हूँ

किसी और से ना शिकवा हैं मुझे

पर तेरी तो परछाँई हूँ🎎

🎎 किस बात की मुझे सजा मिली

क्या दोष मेरा बतला तो सही

क्यों पैदा होने से ही पहले

मुझे इतनी निर्मम मौत मिली🎎

🎎 इतना तो करो तुम मुझपे यकी

विश्वास नहीं खोने दूंगी

एक बार भरोसा करलो तुम

तेरा नाम चाँद पर लिख दूंगी 🎎

🎎 बडी- बडी हस्ती जो हुई

मौका ना मिलता उन्हे जीने का

कैसे इतिहास को रचते वो

कैसे कर पाते नाम बडा 🎎

🎎 मौका तो दो मुझे जीने का

ना गर्व करा दू तो कहना

किया नही अब तक जो कभी

वो ना कर पाऊ तो कहना 🎎

🎎 छोटी सी हैं चाह मेरी

पहचान बनू मैं भी तेरी

थोडा तो करो विश्वास मेरा

इतिहास बदल दू नाम तेरा 🎎

🎎 जीने दो मुझको जीवन ये

आने दो मुझको दुनियाँ में

मैं भी तो चाहती हूँ जीना

उपकार करो मुझ पर इतना 🎎

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