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वृक्ष

14 जुलाई 2018

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विविध विभावों से संपन्न यह प्रकृति, मानवीय संवेदनाओं को सदैव ही अपनी और आकर्षित करती है। प्रकृति के सूक्ष्म से स्थूल, कल्पना योग्य या कल्पनातीत उपहार हमें इसके प्रति संवेदनशील बनाते हैं।

अनंत क्षितिज से घिरी हुई धरती इसकी अद्भुत रचनाओं में से एक है और उससे भी रुचिर हैं वसुधा के अनुपम आभूषण अर्थात "वृक्ष"

वे धरती पर प्रकृति के सबसे मूल्यवान उपहारों में से हैं , वे जीवन के प्रणेता हैं। मानों जीवन की कल्पना व्यर्थ सी लगती है उनके बिना, क्योंकि हम सभी को भली भांति विदित है की पेड़ पौधे हमारे लिए क्या महत्ता रखते हैं।
अर्थात यदि हम उनका संरक्षण कर रहे हैं तो हम धरती पर जीवन का संरक्षण कर रहे हैं।
वृक्षों के समर्पण और महत्ता को यदि शब्दों में बांधने का मेरा प्रयास सफल हो तो अवश्य ही आशीष की इच्छा रखूँगा। article-image😊article-image😊
कविता का शीर्षक है "परोपकारी वृक्ष "

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“निशा और ऊषा “

1 दिसम्बर 2017
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सैनिक

2 मार्च 2018
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दुष्टता, दम्भ पर शांति, विनय, और श्रधा ने सदैव ही अपना आधिपत्य बनाये रखा है। होली का यह पावन पर्व उसका प्रतीकात्मक स्वरूप है ,सभी को पावन पुनीत दिवस पर अत्यंत शुभकामनाएं। ईश्वर सभी के जीवन में आरोग्यता, समृद्धिता और उत्कृष्टता का अंकन करें । वे हमारे जीवन में मिठास को प्रचुरता से प्रसारित करें।काफी

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वृक्ष

14 जुलाई 2018
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विविध विभावों से संपन्न यह प्रकृति, मानवीय संवेदनाओं को सदैव ही अपनी और आकर्षित करती है। प्रकृति के सूक्ष्म से स्थूल, कल्पना योग्य या कल्पनातीत उपहार हमें इसके प्रति संवेदनशील बनाते हैं। अनंत क्षितिज से घिरी हुई धरती इसकी अद्भुत रचनाओं में से एक है और उससे भी रुचिर है

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