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दहेज़ सम्बंधित लेख

24 अप्रैल 2015

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लड़के वाले या लड़की वाले किसी भी पक्ष को सिर्फ दोष देने से किसी समस्या का हल नहीं होगा..मानसिकता बदलनी चाहिए. और इसके लिए जरूरी है कि हर लड़की को आत्मनिर्भर बनाया जाए. क्यूंकि अब तक ९५% मानसिकता यही है कि लड़की की किसी अच्छे कमाने वाले लड़के से शादी कर दी जाए जो माता-पिता के बाद अब उसकी देखभाल करे. और लड़का और उसके घर वाले इसकी कीमत चाहते हैं...भले ही जिंदगी भर के लिए एक केयर टेकर उन्हें मिल जाती है...जो घर की देखभाल करती है..बच्चे भी पालती है और उनका फ्रस्ट्रेशन भी झेलती है. लड़के वाले जबतक यह सोचते रहेंगे कि वह शादी करके कोई अहसान कर रहे हैं और लड़की वाले भी उनका ये अहसान क़ुबूल करते रहेंगे .तब तक दहेज़ समस्या हल नहीं होने वाली. जरूरत है लड़कियों के आत्मनिर्भर बनने की और अपनी शादी में दिए गए दहेज़ के एक पैसे का भी विरोध करने की..लडकियाँ भी इसलिए मुहँ नहीं खोल पातीं..विरोध नहीं कर पातीं क्यूंकि कोई आधार नहीं होता...वे पहले अपने पिता पर निर्भर रहती हैं..और फिर पति पर. नौकरी वाली लड़कियों को भी इस दहेज़ के दानव का सामना करना पड़ता है....पर वो इसलिए कि उनका प्रतिशत ज्यादा नहीं है...और पुरानी रीत ही निभाई जा रही है...जबतक बहुसंख्यक लडकियाँ आत्मनिर्भर नहीं होतीं...उनके माता-पिता दहेज़ दे कर बेटी ब्याहते रहेंगे और लड़के वाले का मुहँ सुरसा की तरह खुला रहेगा. अगर निशा वाली कहानी में सच्चाई है तो यह निंदाजनक है...पर फिर भी कहूँगा..ऐसे उदहारण बहुत कम हैं..जबकि दहेज़ के लिए प्रताड़ित किए जाने के उदहारण अनगिनत हैं
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दहेज़ सम्बंधित लेख

24 अप्रैल 2015
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24 अप्रैल 2015
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25 अप्रैल 2015
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मुझे शायरी का बहुत शोक है में जब फ्री होता हु तब शायरी लिखने बैठ जाता हु

25 अप्रैल 2015
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दोस्त पड़ते पड़ते खुश है हम लिखते लिखते और लिखते है जिसके लिए वो नाम से ही चिढ़ते है हकीम पडेगा हम सभी को अब जंग-ए-मैदान मे आना, घरों मे बात करने से ये मसले हल नही होंगे। हकीम ना बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा, ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ। हकीम कदम पाक थे तेरे फिर तुझे ये क्या हुआ, रुख भ

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एक छोटी सी लापरवाही से बड़ा नुकसान हो सकता है

26 अप्रैल 2015
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कृपया इसे ध्यान से पढ़े और अपने मित्रों और परिवार को सलाह दें ! आप किसी का जीवन बचा सकते हैं ! घटना: एक छोटा बच्चा इसलिए मर गया क्योंकि डॉक्टर को उसके दिमाग में चींटियाँ ही चींटियाँ मिली ! जो स्पष्ट करता है कि बच्चा या तो मुँह में कोई मीठी चीज रख के सो गया या या उसके बगल में सोते समय कोई खाने की

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1 मई 2015
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आज हम सफलता के विषय में बात करते हैआज के वक्त में सफल व्यक्ति वही है जो सुबह उठकर पहले यह तय करता है कि आज उसे क्या-क्या काम करने है। और रात तक वह उन सारे कामों को कई परेशानियों के बाद भी पूरा कर लेता है | और हा दुनिया आपको मुफ्त में कुछ नहीं देती | सफलता जैसी बेशकीमती चीज तो बिलकुल नहीं | अतः सफलत

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1 मई 2015
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आज की नयी शायरी हकीम के साथ

12 मई 2015
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आप दोस्तों की दुआओ से आज फिर एक ग़ज़लज अ लिखा है। देखिये पढ़िए और हा अभी बहुत सी गलतिया भी निकलेंगी क्या है। न अभी तो सीख़ ही रहा हु। तो पेशे खिदमत है। न जाने कब तलक मुझको वोे युही सताएगी, कब अपने दिल का हाल वो मुझे बताएगी। एक दौर था जब उसकी हर साँस पे नाम मेरा था, क्या आज भी वो मेरे ही लिखे गीत

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सूरत सिंह जी खालसा इंसाफ के लिए ज़िन्दगी से लड़ते हुए।

19 जुलाई 2015
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यह जो फोटो में दिखाई दे रहे है ना ये है सरदार सूरत सिंह जी खालसा... में भी आपकी तरह इनको नही जानता था जान अब्दुल्लाह भाई ने इनका फोटो अपने प्रोफाइल पे लगाया आपकी तरह मेरे मन में भी सवाल आया को आखिर है कौन ये महाशय..? सो पूछ लिया अब्दुल्लाह जान भाई से , पर इनके बारे में जानते ही

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कॉपी पेस्ट को ले कर लोगो की भावनाये।

25 जुलाई 2015
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आज का पोस्ट एक ऐसे मुद्दे पर है। जो अक्सर लोगो के सामने आता है। तो आइये सुनिये वो मुद्दा क्या है। मुद्दा है। एक इंसान का दूसरे इंसान पे यक़ीन करना। सबसे पहले एक कहानी सुनिए। आप वही पहुच जायेंगे जहा पहुचाना चाहता हु। सुनिए एक गांव में एक राज मिस्त्री था। उसी गांव में एक और आदमी भी था। जो बिलकुल नकार

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अब आप भी लिखिए अपने पोस्ट आर्टिकल आपके मुह से बोलकर हाथो को दीजिये आराम आप जो बोलेंगे वो आपके सामने लिखा जायेगा

9 नवम्बर 2015
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क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो

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