shabd-logo

प्राकृतिक आपदा

29 सितम्बर 2022

13 बार देखा गया 13
प्रकृति मे विभिन्न रंग होते है।कभी सुखद कभी दुखद।जब
प्रक्रिति अपने संतुलन को बचाने के लिए रोद्र् रूप धारण करत है तो उसे प्रकृतिक् आपदा कहते है।मानव् इससे बचने के लिए अनेक उपक्रम करता है पर अंत मे जीत प्रकृति कि ही होती है।मानव को इससे बचने के लिए प्राकृतिक दोहन रोकना होगा।

KABINDRA MISHRA की अन्य किताबें

1

जीवन

13 सितम्बर 2022
1
0
0

जीवन एक संघर्ष है,प्रति पल नई घटनाये घट ती रहती है,हमारे भीतर और बाहर।हमें दोनों का मुकाबला करना है।हार नहीं मान ना है।अपने लक्ष्य को बनाना है, फिर उसके लिए काम करना है।यह निरंतर प्रक्रिया है।इसमें रु

2

लक्ष

28 सितम्बर 2022
1
1
1

अपने जीवन मे हम यूँ ही नहीं चल सकते।हमारे निस्चित् रास्ते होते हैं उनपर हम चलते है और मंजिल कि तरफ आगे बढते हैं।हमें जीवन मे लक्ष बनाने पड़ ते है। हमें कौन सी चीज़ चाहिए।हमारे जीवन का हेतु क्या है

3

जीवन का संघर्ष

29 सितम्बर 2022
1
2
0

जीवन मे आगे बढना है।रुकना नहीं है।प्रतिपल् गति मे रहना है।हार मान कर रुकना नहीं है।बाधाये तो आती रहेगी।उससे घबराना नहीं है।तुम अगर हिम्मत नहीं हारो तो तुम्हें कोई नहीं हरा सकता।लक्ष को निर्धारित करके

4

प्राकृतिक आपदा

29 सितम्बर 2022
1
1
0

प्रकृति मे विभिन्न रंग होते है।कभी सुखद कभी दुखद।जबप्रक्रिति अपने संतुलन को बचाने के लिए रोद्र् रूप धारण करत है तो उसे प्रकृतिक् आपदा कहते है।मानव् इससे बचने के लिए अनेक उपक्रम करता है पर अंत मे जीत प

5

जीवन् गति

12 अक्टूबर 2022
1
0
0

लागातार् चलना ही जीवन् है ।

6

संघर्ष

13 अक्टूबर 2022
0
0
0

जीवन एक लगातार संघर्ष है। इसमें हार नहीं मानना है ।लक्ष को सामने रख चलते जाना है ।

7

जीवन की गति

20 अक्टूबर 2022
0
0
0

जीवन् मे परिस्थितियों आती रहती हैं ।उनका सामना करना परता है।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए