shabd-logo

पुरस्कार प्राप्त पुस्तक

11 फरवरी 2022

38 बार देखा गया 38
दिनांनक 11.02.2022
समय :  शाम 7 बजे

प्रिय डायरी जी,

 
एक बात बताऊं! आजकल मेरे बेड की साइड टेबल पर  अरुंधति रॉय की उपन्यास  "The God of small things"  रखी है, जिसे मैंने लाइब्रेरी से चौथी या पाचवीं बार इशू कराया है। क्या है कि हम थोड़े मंदबुद्धि टाइप के हैं बिल्कुल इस नावेल की नायिका की तरह। इस उपन्यास को 1997 का बुकर प्राइज मिला था। 

यह जातिवाद एवं समाज की पुरुष प्रधानता पर आधारित है। इस की कहानी केरल के Ayemenem नाम के कस्बे में है। और सन 1969 के आसपास घटित होती है। Ammu Ipe नाम की युवती अपने माता -पिता से बहुत परेशान रहती है। उनकी अचार की फैक्ट्री थी। जिस से काफी इनकम होती थी लेकिन अम्मू के पिता उसे हमेशा डाँटते और मारते-पीटते रहते थे और माँ हमेशा जलीकटी सुनाती रहती थी। इस सब से वह तंग आ चुकी थी। और उस घर को हमेशा के लिए छोड़ देना चाहती थी।

एक बार गर्मी की छुट्टियां हुईं। अम्मू ने अपने माँ – बाप से कहा कि उसे छुट्टियाँ बिताने कलकत्ता वाली मौसी के पास भेज दें। वे लोग इसके लिए मान गए और वह खुश होकर कलकत्ता चली गयी। वहाँ उसे चाय बागान के एक मैनेजर से शादी कर ली। लेकिन जल्दी ही उसे पता चला कि वह आदमी शराबी था। वह अक्सर शराब पीकर गालियाँ बकता था और उसके साथ मार -पीट करता था। 

इसमे Estha और Rahel नाम के किरदार भी हैं जो 31 साल के हो जाते हैं, तो Ayemenem (केरल) में दुबारा एक -दूसरे से मिलते हैं।  एक दूसरे से बात करके दोनों को लगता है कि आज तक जिंदगी में उन्हें कोई ऐसा मिला ही नहीं है, जो उनको समझ सके। और वे दोनों कितने अधूरे रह गए हैं। वे बातें करते हैं  और सोचते हैं कि अगर जातिवाद नहीं होता, तो उनकी और उनकी माँ की जिंदगी इतनी दुखभरी नहीं होती।

इस कहानी को में कई बार पढ़ चुकी हूँ पर इतनी ही समझ आई है। कई बार तो डिक्शनरी खोलनी पड़ती है, जबकि मेरी इंग्लिश ठीक-ठाक है। नामो के जेंडर को समझने के लिए पीछे के पेज पलटने पड़तें थे, अब याद हो गए।  अब फिरसे  पढ़ रहीं हूँ, की इस नावेल को बुकर क्यों मिला था, शायद इंग्लिश के शब्द ज्ञान पर?

सख़ी अगर आपने इसे पढ़ा है तो कमेंट जरूर करें।

आपकी नासमझ सखी,

गीता भदौरिया

वणिका दुबे "जिज्जी"

वणिका दुबे "जिज्जी"

मैं भी मगवाऊंगी मैंम इसको

12 फरवरी 2022

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

13 फरवरी 2022

जरूर!

24
रचनाएँ
गीता दैनंदिनी - फरवरी 2022
5.0
डायरी किसी के भी व्यक्तित्व का आईना होती है। तो मेरे व्यक्तित्व को जानने के लिए पढ़े-मेरी गीता दैनंदिनी - फरवरी 2022
1

सुर-सम्रागी लता दी और मैं

6 फरवरी 2022
9
5
8

दिनाँक : 06.2.2022समय : रात 11 बजेप्रिय डायरी जी,हम कल ही वीणावादिनी सरस्वती माँ के घर आगमन पर खुशियां मना रहे थे और आज इतनी जल्दी सरस्वती सम, सुर-सम्रागी लता दी को अग्नि विसर्जित कर

2

मन की बात डायरी के साथ

4 फरवरी 2022
6
4
2

दिनांक :4.2.2022समय : शाम 7:30 बजेप्रिय डायरी जीये सप्ताह इतना बिजी रहा कि क्या बताऊँ! तुमसे भी अच्छे से बात नहीं हो पाई। आफिस में यह एक एक्ट के रूल्स बनाने में निकल गया। सारा दिन मीटिंग होती है।

3

सर्वे भवन्तु सुखिना

1 फरवरी 2022
8
4
6

दिनांक : 01 फरवरी, 2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी,सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।सुबह 6:30 पर मैंने MH श्रद्धा चैनल पर मां वैष

4

खोई हुई झाड़ू

2 फरवरी 2022
8
4
4

दिनाँक : 02.2.2022समय : रात 8:35 बजेप्रिय डायरी जी,कुछ दिनों से में झाड़ू ढूंढ रहीं हूँ। नहीं! नहीं! 'आप' की झाड़ू की बात नहीं कर रहीं हूँ। मैं बात कर रही हूँ, आप की झाड़ू की। 7 सा

5

सहेलियों की 'कुट्टी'

3 फरवरी 2022
6
4
5

<div>दिनाँक : 03.2.2022</div><div>समय : रात 10 बजे</div><div><br></div><div><br></div><div>प्रिय डायरी जी,</div><div><br></div><div>क्या बचपन के मित्रों से आज भी मुलाकात होती है?</di

6

कितने पॉजिटिव हैं हम!

4 फरवरी 2022
5
3
2

दिनांक : 04.02.2022समय : 7 बजे प्रात:प्रिय सखी,सुप्रभात!आपका दिन मंगलमय हो। ईर्ष्या ऐसी चीज़ है वो उन लोंगों से ज्यादा होती है जो लोग आपके बेहद करीब होते है। अनजान लोगों से ईर्ष्या कौ

7

माँ सरस्वती के साथ बसंत की शुरुआत

5 फरवरी 2022
6
4
1

दिनांक: 05.2.2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी,पहले हमारे माता-पिता कहा करते थे कि सरस्वती और लक्ष्मी कभी साथ नहीं आती। इसलिए गांव के मास्टर साब! हमेशा गरीब आदमी होते थे। लेकिन आज तो प्राथमिक शि

8

अविकसित युग के हम लोग

7 फरवरी 2022
3
4
2

दिनाँक : 7.02.2022समय : रात 11:30 बजेप्रिय डायरी जी,किसी भी देश का इतिहास उनका गौरव होता है। कभी-कभी जब सत्ता बदलती थी तो इतिहास के साथ छेड़-छाड़ की खबरें आतीं थीं। लेकिन आजकल पॉकेट नावेल और

9

मां के हाथ की चाय

9 फरवरी 2022
5
5
2

दिनांक : 09.02.2022समय : रात 11 बजेप्रिय सखी,मंगल भवन अमंगल हारी,द्रबहुसु दसरथ अजर बिहारी।होइ है वही जो राम रच राखा,को करे तरफ़ बढ़ाए साखा।॥ धीरज धरम मित्र अरु नारी,आपद काल परखिये चारी।।पता न

10

पुरस्कार प्राप्त पुस्तक

11 फरवरी 2022
3
3
2

दिनांनक 11.02.2022समय : शाम 7 बजेप्रिय डायरी जी, एक बात बताऊं! आजकल मेरे बेड की साइड टेबल पर अरुंधति रॉय की उपन्यास "The God of small things" रखी है, जिसे मैंने लाइब्रेरी

11

क्या हम घोटालेबाजों को फंडिंग कर रहे हैं?

13 फरवरी 2022
4
3
5

डायरी: 13.2.2022समय : रात 8 बजेप्रिय डायरी जी,क्या आपको पता है कि पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे है? लॉकडाउन में जब सब कुछ बंद था, सबसे पहले शराब की दुकान क्यों खोली गईं? क्या आपको यह भी पता

12

मरते व्यक्ति का पछतावा

14 फरवरी 2022
4
4
8

दिनांक : 14.02.2022समय : सुबह 8 बजे आपको क्या लगता है? मरते समय, हम क्या सोचते है? हमे खुशी होती है, दुख होता है या पछतावा होता है?ऑस्ट्रेलिया की एक रिटायर्ड नर्स हैं, ब्रॉनी वेयर। इनकी बेस्ट सेल

13

राजनीति का गणित Vs बैंकों का गणित

15 फरवरी 2022
2
3
4

दिनाँक: 15.02.2022समय : रात 9 बजेप्रिय डायरी जी,चुनाव का मौसम खत्म होने की कगार पर है और साथ ही सर्दियां भी खत्म होने की कगार पर है। क्या है कि चुनावी एहसास वैसे ही लोगों के राजनीतिक जीवन

14

साहित्यकारों का बड़ा दिन

16 फरवरी 2022
2
2
1

दिनाँक : 16.02.2022समय : रात 8 बजेप्रिय डायरी जी,कोई भी हिंदी का कार्यक्रम हो और आपको सरस्वती वंदना के लिए सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की ये कविता सुनाई नॉय दे, ऐसा हो नहीं सकता।

15

ये रस्मों रिवाजों की दुनिया मिल भी जाये तो क्या है?

17 फरवरी 2022
3
4
2

दिनाँक : 17.02.2022समय : सुबह 7 बजेप्रिय डायरी जी,हेलो डायरी! नमस्कार ! कैसी हो?आज यूपी के एक गांव कुशीनगर का दूखद समाचार देखा। बहुत दुख हुआ कि शादी समारोह में हल्दी की रस्म के दौरान

16

यादों के झारोखों से जरा बैठी जो सोचने

20 फरवरी 2022
1
1
2

दिनाँक : 19.02.2022समय : रात 11 बजेप्रिय डायरी जी,रेडियो के विषय में मेरी यादें जुदा है, सभी की अपनी यादें होती हैं।रेडियो के साथ मेरी आत्मा जुड़ी है। बचपन में जब से होश संभाला, रेडिय

17

ए जिंदगी गले लगा ले

23 फरवरी 2022
2
2
2

दिनाँक : 23.02.2022समय : रात 9 बजेप्रिय डायरी जी,ना हो ए-दिल इतना भी हलकान,जिंदगी का फ़लसफ़ा है अनोखा।कभी खिलती है चेहरे पर मुस्कान,तो कभी देती है कमबख्त धोखा।।गीता भदौरिया

18

बिंदिया बनाम आज्ञाचक्र

24 फरवरी 2022
0
1
0

दिनांक : 24.02.2022समय : रात 9 बजेप्रिय सखी,आजकल चहुं ओर माथे की बिंदिया चमचमा रही है।लगभग हर चैनल पर महिलाओं ने चुनावी आकलन की कमान संभाल रखी है। हालांकि पुरुष भी अपनी टिप्पणी करने से पी

19

दो पुस्तकों का प्रकाशन -'राम वही जो सिया मन भाये' और 'अभिव्यक्ति और अंतर्द्वंद

25 फरवरी 2022
4
2
2

दिनाँक : 25.2.2022समय : रात 9 बजेप्रिय डायरी जी,आज मेरा दिन बहुत ही व्यस्त रहा और इसी व्यस्तता के बीच एक बड़ी खुशी की प्राप्ति भी हुई। किसी भी लेखक के लिए सबसे बड़ी खुशी क्या हो सकती है? निस

20

तीसरा विश्वयुद्ध और भारत

27 फरवरी 2022
2
3
1

दिनाँक : 27.2.2022समय : दोपहर 12 बजेप्रिय डायरी जी,कल मेरी मैरिज एनिवर्सरी थी, जिसके लिए सभी ने शुभकामनाएं दीं। आशुजी ने तो अपनी डायरी में मुझे शुभकामनाएं देने के साथ साथ मेरे लिए एक प्यारी सी कविता भ

21

रोजानमचा

27 फरवरी 2022
5
3
1

दिनांक : 27: 02.2022समय : रात 11:40लेखक कहकर बदनामना करना पाठकों,मै तो हर रोज दिनभर का हिसाब लिखा करती हूं।गीता भदौरिया

22

नाजायज संतान का अस्तित्व

28 फरवरी 2022
2
3
4

दिनांक: 28.2.2022समय : रात्रि 9 बजेप्रिय डायरी जी,बेलारूस में आज रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत हुई, पर दोनो की सहमति नहीं बनी। क्योंकि रूस पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। पहले-पहल अकेले नजर आ रहे

23

स्वार्थ और अध्यात्म

28 फरवरी 2022
3
3
2

दिनाँक : 28.2.2022समय : रात 12 बजेप्रिय डायरी जी,आपको पता है अध्यात्म क्या है?अध्यात्म का शाब्दिक अर्थ है – ‘स्वयं का अध्ययन। यानि - अध्ययन+आत्मगीता में श्रीकृष्ण ने कहा है – स्वभावो अध्यात्म उच्

24

अपनी अंतरात्मा की हीलिंग के लिए डायरी

1 मार्च 2022
2
2
0

दिनांक : 01 मार्च 2022समय : शाम 7 बजेप्रिय सखी,सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःखभाग्भवेत्।यूक्रेन में आज एक भारतीय छात्र की मौत ने मन द्रव

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए