यहां आपको रोज नई नई शायरिया पढ़ने को मिलेंगी।
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आजकल वक्त बर्बाद बहुत कर रहा हूं मै
इंतजार है बरसों से, इंतिहां तो ना लोदिल लगाया है तुमसे , सजा तो ना दोगुजारिश है निगाहों से तेरी,दीदार का इतना जुर्माना तो ना लोडूबे हुए हैं किनारे गिलासों में,अब इतन
जिस्म से रुह तक उतर सी गई आज मुझको मधु चढ़ सी गईरातभर थकन महसूस ही नही,सुबह देखा तो फिर से उतर सी गईतूने मुझ पर ये कैसा जादू टोना किया,जो पी&nbs
सुना है वो बहुत खुबसूरत हैक्या तुम्हे उससे मोहब्बत है चलो इक मुलाकात करते हैक्या तुम्हारी इजाजत हैउस तलक मेरी बात क्यों नही जातीकोसता हूं तो
सच कहने के वो नही आदी,सोचते है देश कैसे बेचा जाएबचाकुछा दाना जो भूखे पेटो में,सोचते है वो भी कैसे लोचा जाएगिरवी पड़ी है जमीं अखबारों की,सोचते है सच कैसे छापा जाएसच के मरीज, लोग झूठ सु
इश्क के जाल में कब तक रह पाएगा