समझ लेना कि होली है
"समझ लेना कि होली है" करें जब पाँव खुद नर्तन, समझ लेना कि होली है। हिलोरें खा रहा हो मन, समझ लेना कि होली है। दीदार को तरसती हों बेकरार तकती आंखें, उसे छूने का आये क्षण, समझ लेना कि होली है। कभी खोलो झुलस कर आप , अपने घर का दरवाजा खड़े