shabd-logo

संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

15 सितम्बर 2021

48 बार देखा गया 48
जमाने से है दिल बेखबर  पर 
मन किताब में सबके खत रखता हूँ।

जो मेरा दुश्मन है वो भी दोस्त है
मैं किसी से नहीं नफरत रखता हूँ।

जो ना भाये किसी को लफ्ज़ मेरे
दूरी उनसे कुछ हद रखता हूँ।

क्या देंगे जमाने को बदले में "रूप"
मैं संग अपने मोहब्बत रखता हूँ।।
*रूप*
रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत बढिया 👌 👌

31 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

हृदय तल से आभार आपका मैम 😊💐💐

Jyoti

Jyoti

👍

30 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

😊💐💐💐

Anita Singh

Anita Singh

बढ़िया

27 दिसम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

31 दिसम्बर 2021

बहुत बहुत शुक्रिया मैम 😊💐

Ayansh

Ayansh

मैं संग अपने मोहब्बत रखता हूँ वाह क्या बात कही 👌👌👌

6 नवम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

7 नवम्बर 2021

धन्यवाद भाई 😊😊😊💐💐💐

पूनम साहू

पूनम साहू

wah wah wah🤗kmaal ki lines

19 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

19 सितम्बर 2021

Thank you so much 😊☺️💐💐

Pawan Pandit

Pawan Pandit

बहुत खूब

18 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

19 सितम्बर 2021

हृदय से आभार आपका 😊💐

प्रशाली जैन

प्रशाली जैन

<3 सुन्दर

16 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

16 सितम्बर 2021

नवाज़िश ए शुक्रिया 😊😊💐💐

21
रचनाएँ
रूप की डायरी - 2
5.0
यह पुस्तक एक कविता संग्रह है । यह पुस्तक मेरे द्वारा अनुभव किये गए जिंदगी के कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और कुछ काल्पनिक प्रसंगों का चित्रण कविताओं के माध्यम से करने का प्रयास किया है । कवितायें मुखयतः छंदमुक्त है और सरल भाषा में लिखने का प्रयास किया है । कोशिश है कि जब भी आप पढ़ें आपको इन कविताओं से जुड़ाव महसूस हो , यदि ऐसा संभव होता है तो मेरी कोशिश सफल होगी 😊।
1

मेरा बचपन

15 सितम्बर 2021
15
15
9

<p><strong>ये जो है अन्दर छुपा मेरे</strong></p> <p><strong>मेरा बचपन</strong></p> <p><strong>ना मैं

2

संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

15 सितम्बर 2021
10
11
14

<div><div><b>जमाने से है दिल बेखबर पर </b></div><div><b>मन किताब में सबके खत रखता हूँ।</b

3

पुष्प अभिलाषा

15 सितम्बर 2021
12
10
12

<div>यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर

4

रूप का पैगाम

16 सितम्बर 2021
7
12
10

<p><b>अक्सर गिराकर उठाती है</b></p><p><b>जिन्दगी का ये इम्तेहान देखो ।</b></p><p><b><br></b></p><p><

5

इश्क़

18 सितम्बर 2021
7
9
6

<div><br></div><div><b><br></b></div><div><b>ये जो है सारे इल्ज़ामात गलत है</b></div><div><b>कह दो उन

6

समझ में नहीं आता

25 सितम्बर 2021
6
6
3

<div><br></div><div>उसे बहुत पसंद है वो</div><div>पर उससे मोहब्बत नहीं</div><div>कुछ रिश्तों का हिसा

7

कोई बताता नहीं है

30 सितम्बर 2021
5
6
5

<div><b>हर कोई जान लेता है सब राज मेरा </b></div><div><b>एक अपना राज कोई बताता नहीं है</b></div

8

कहीं और चलते हैं

30 सितम्बर 2021
4
6
5

<div><b><br></b></div><div><b>चलो चलते हैं रूप कहीं और </b></div><div><b>इन रात की गलियों से दू

9

बदल जाता है

30 सितम्बर 2021
5
6
8

<div><b><i>काम के बाद </i></b></div><div><b><i>हर शख्स बदल जाता है</i></b></div><div><b><i>नाम

10

रूठ गए

30 सितम्बर 2021
6
6
5

<div><b><i>जो मुझे जान कर भी</i></b></div><div><b><i>मेरे रूठने से रूठ गए तुम</i></b></div><div><b><

11

बरसात आ गयी

30 सितम्बर 2021
5
5
5

<div><b><i><br></i></b></div><div><b><i>कहना तो नहीं था उससे कुछ भी मगर,</i></b></div><div><b><i>फिर

12

जिंदगी जीने का हुनर

4 अक्टूबर 2021
4
6
1

<div><b><i><br></i></b></div><div><b><i>इस हुनर से अभी अंजान हूँ</i></b></div><div><b><i>दुनियादारी

13

जमाने से सीखा है

12 अक्टूबर 2021
6
7
7

<div><b><i>सीखा बहुत कुछ है </i></b></div><div><b><i>अपनों से और जमाने से ,</i></b></div>

14

इंतेज़ार

13 अक्टूबर 2021
5
6
3

<div><b><i>तुम्हे वक्त नहीं है मिलने का मीरे चौखट जहाँ</i></b></div><div><b><i>मैं छलकते पैमाने पर त

15

एक सेल्फ़ी

13 अक्टूबर 2021
6
6
5

<div><b><i>जुग बीता जुग जीता</i></b></div><div><b><i>तस्वीर बदलनी चाहिए</i></b></div><div><b><i>तरीक

16

असफलता की कहानी

14 अक्टूबर 2021
5
6
5

<div><div><b><i>लिखूँगा असफलताओं की कहानी ,</i></b></div><div><b><i>सफल नहीं तो क्या असफल तो हैं ।</

17

सफर पर चल

15 अक्टूबर 2021
5
4
7

<div><b><i>चल मेरे संग सफर पर चल </i></b></div><div><b><i>यार मेरे हमनवां थोड़ा घर से निकल</i></

18

जिंदगी कैसी बला

22 अक्टूबर 2021
9
9
9

<div><b>जमाने की चाल से बिल्कुल अलग चला </b></div><div><b>अकेलेपन का इक अहसास जो ख़ूब खला</b></d

19

बेगुनाह

24 अक्टूबर 2021
7
7
7

<div><b><i>मुमकिन नहीं कि </i></b></div><div><b><i>सबको लगूं बेगुनाह,</i></b></div><div><b><i><

20

सब सब जाने हैं

9 नवम्बर 2021
4
6
9

<div><img src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/6137af9c1b261a4f85c9bd91_1636480088

21

नया साल

31 दिसम्बर 2021
3
3
4

<div>थोड़ी रहमत थोड़ी नजाकत</div><div> कुछ तो नया मेरा कर दे मौला</div><div> ये पुराना भी तो</div><div> कुछ दिए जा रहा है ।</div><div> हो खुशी ह

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए