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शर्त

8 सितम्बर 2021

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मुझसे दोस्ती यूँ लम्बी निभाओगे क्या ,
मैं नादान हूँ बहुत
साथ दूर तक चल पाओगे क्या ।।

कभी चोट जो भी पहुंचे 
हौले से सहलाओगे क्या ,
मैं हारता बहुत हूँ
खुद हार कर जीता पाओगे क्या ।।

तन्हाई में जीना पसंद किसे है
बुलाने पर चले आओगे क्या ,
अकेले चलकर थक गया हूँ मैं
कुछ कदम मेरे लिए चल पाओगे क्या ।।

हर शख्श गलती का पुलिन्दा है
गलतियों को यूँ ही भूल जाओगे क्या ,
मैं माफ़ी के काबिल ना रहा कभी
माफ़ कर फिर से अपना बनाओगे क्या ।।

सहम सी जाती है जिंदगी कुछ फैसलों में
कुछ फैसले मेरे ले पाओगे क्या,
सुख में तो सभी रहते हैं खुश
दुःख मेरा भी सह पाओगे क्या ।।

मुस्काते मुखोटे ढक कर हंसा
मेरे रोते दिल को जान पाओगे क्या ,
जो रूठे तुम मैं मना ना सकूँ
जो मैं रूठा तुम मना पाओगे क्या ।।

बातें मीठी सब करते हैं
कडवी जो हो बातें सुन पाओगे क्या,
रो मैं लूँगा संग तेरे जब तू रोया
मेरे बातों पे तुम हंस पाओगे क्या ।।

कुछ तेरी शर्तें मैं निभाऊ
कुछ शर्तें मेरी तुम निभाओगे क्या,
मैं उम्र भर की दोस्ती रखता हूँ
कहो उम्र भर की दोस्ती निभाओगे क्या ।।
 ® रूप ®
Papiya

Papiya

सुंदर

18 नवम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

26 नवम्बर 2021

आभार आपका

Ayansh

Ayansh

बहुत उम्दा 👌👌💐💐💐 वास्तविक पहलू से जुड़ी हुई ☺️💐

6 नवम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

7 नवम्बर 2021

बहुत बहुत धन्यवाद भाई 😊💐💐💐

8 सितम्बर 2021

Rupendra Sahu "रूप"

Rupendra Sahu "रूप"

9 सितम्बर 2021

Ji thank you so much 😇😇💐💐

15
रचनाएँ
रूप की डायरी
5.0
यह किताब कहीं ना कहीं वास्तविक लोक से आपको जुड़ी हुई दिखाई देगी । अधिकांश कविताएं, शायरी, मुक्तक, नज़्म किसी न किसी अनुभव से प्रेरित है । जब भी आप पढ़ेंगे जुड़ाव जरूर महसूस होगा । स्वागत है आपका "रूप की डायरी" में
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शर्त

8 सितम्बर 2021
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<div><span style="font-size: 1em;">मुझसे दोस्ती यूँ लम्बी निभाओगे क्या ,</span></div><div>मैं नादान

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ख्वाबों की ओर

8 सितम्बर 2021
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<div>चल यार 'रूप' कुछ पुराना सा</div><div>पुराने तौर तरीके से करते हैं</div><div>थक गए हैं नए दिखावट

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जरा देख तो लो

8 सितम्बर 2021
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<div><div>वो उसका दिल है कि श्मशान</div><div>कितने दफन हैं </div><div>जरा देख तो लो</div><div><

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अच्छा सुनो

10 सितम्बर 2021
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<div>अच्छा सुनो </div><div>एक बात बताओ</div><div>क्या सच में जा रहे हो</div><div>जा रहे हो क्यू

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खुदगर्ज़

13 सितम्बर 2021
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<div>तुमको क्या मालूम ऐ रूप</div><div>जाने कितना ख़ुदग़र्ज़ हूँ मैं</div><div>मौका परस्ती फितरत त

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अच्छे लोग सम्भाल कर रखो

13 सितम्बर 2021
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<div>बेअदब ज़माने के किस्सों में</div><div>कुछ हुनर बना कर रखो</div><div>सुना सको जो तुम अपनो को</div

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रूप की गलियाँ

13 सितम्बर 2021
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<div>जो मैं कह ना सका </div><div> जो मैं दिख ना सका </div><div> जो मैं सह ना सक

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ऐब

15 सितम्बर 2021
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<div><b>मेरे भी ऐब कई थे मगर </b></div><div><b>सपनों के साथ कुछ टूट गए</b></div><div><b>हमें मन

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मैं लिख सकता हूँ

30 सितम्बर 2021
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<div><b><i>उसने अपने बारे में लिखने कहा</i></b></div><div><b><i><br></i></b></div><div><b><i>मैं लिख

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ख्वाब में ही आना

30 सितम्बर 2021
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<div><b><i>सुनो ना </i></b></div><div><b><i>तुम सपनों में, यादों में ही आना </i></b></div>

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मरहम की तरह

30 सितम्बर 2021
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<div><b><i>तुम यूँ तो चले ही जाओगे</i></b></div><div><b><i>मेरे छोटे से आंगन से बहुत दूर</i></b></di

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अंदाज़ ए इश्क़

12 अक्टूबर 2021
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<div><b>फिर छिड़ी रात बात उन फूलों की</b></div><div><b>सासों में अब जिनकी खुशबु बहा नहीं करते ।

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मेरी कोशिश

24 अक्टूबर 2021
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<div><b><i>कोशिश ये मेरी है की </i></b></div><div><b><i>मेरे भी लफ्ज़ खत्म हो</i></b></div><div>

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अति की भली ना अति

26 नवम्बर 2021
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<div><b>जाके मारे रहे मती,</b></div><div><b>आप ही मती मत खोई</b></div><div><b>समझ समझ का फेर है,&nbs

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संग अपने मोहब्बत रखता हूँ

19 फरवरी 2022
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जमाने से है दिल बेखबर पर मन किताब में सबके खत रखता हूँ।जो मेरा दुश्मन है वो भी दोस्त हैमैं किसी से नहीं नफरत रखता हूँ।जो ना भाये किसी को लफ्ज़ मेरेदूरी उनसे कुछ हद रखता हूँ।क्या देंगे जमाने

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